अहोई अष्टमी की पूर्व संध्या पर रही बाजारों में रही चहल-पहल
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी यानि सोमवार को अहोई अष्टमी पर्व मनाया जाएगा।
शामली, जेएनएन। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी यानि सोमवार को अहोई अष्टमी पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार अहोई अष्टमी के पर्व और व्रत का संबंध माता गौरी के अहोई स्वरूप है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं। शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
दीपावली से आठ दिन पहले अहोई पर्व मनाया जाता है। करवाचौथ की तरह इस त्योहार की भी बड़ी मान्यता है। करवाचौथ में पति की दीर्घायु के लिए तो अहाई व्रत संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। अहोई पर्व के लिए पूजन सामग्री की खरीददारी के लिए बाजारों में चहल-पहल रही। महिलाओं ने सेह के चित्र को साथ चांदी से बने सेह की आकृति वाले लॉकेट भी खरीदे। ज्योतिषाचार्य पंडित कमल शर्मा ने बताया कि अष्टमी तिथि सोमवार सुबह 6.44 बजे से शुरू होगी और अगले दिन सुबह 5.25 बजे तक रहेगी। महिलाएं सुबह संतान की दीर्घायु के लिए अहोई अष्टमी का व्रत धारण करें। इसके बाद दोपहर में दीवार पर अहोई माता और सेह की तस्वीर बनाएं। रोली, भात और दूध से विधि-विधान के साथ पूजन किया। इसके बाद कलश में जल भरकर अहोई अष्टमी की कथा का श्रवण करें। पूजा का शुभ मुहूर्त सोमवार शाम 5.46 बजे से शाम 7.02 बजे तक है।