जच्चा-बच्चा को बुखार, नहीं मिले चिकित्सक
मंगलवार को क्षेत्र के एक गांव से पहुंची जच्चा-बच्चा को देखने के लिए कोई चिकित्सक सीएचसी पर मौजूद नहीं था। आशा दोनों को लेकर काफी देर तक भटकती रही।
शामली, जेएनएन। मंगलवार को क्षेत्र के एक गांव से पहुंची जच्चा-बच्चा को देखने के लिए कोई चिकित्सक सीएचसी पर मौजूद नहीं था। आशा दोनों को लेकर काफी देर तक भटकती रही।
शामली क्षेत्र के लिलौन गांव निवासी गुलसाना की 12 दिन पहले डिलीवरी हुई थी। गुलसाना ने बेटे को जन्म दिया। सोमवार को जच्चा-बच्चा दोनों को तेज बुखार हो गया। परिजनों ने सूचना गांव की आशा कोमल को दी। कोमल ने मंगलवार को 102 एंबुलेंस को कॉल की और जच्चा-बच्चा को लेकर सीएचसी पहुंच गई।
सीएचसी में न तो कोई महिला चिकित्सक थी और न ही बाल रोग विशेषज्ञ। आशा डाक्टर की तलाश में भटकती रही। इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ एक रक्तदान शिविर में गए हुए हैं। एक महिला चिकित्सक की ड्यूटी नसबंदी कैंप में हैं और एक का साप्ताहिक अवकाश है।
काफी देर तक जच्चा-बच्चा को एडमिट भी नहीं किया गया, लेकिन आशा ने दोनों को जच्चा-बच्चा वार्ड में लिटा दिया। यहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि प्रसव कक्ष में सीएमओ ऑफिस से एक महिला चिकित्सक आई हुई हैं। आशा उक्त चिकित्सक के पास पहुंची और महिला के लिए दवा लिखी गई। साथ ही जच्चा-बच्चा को भर्ती किया गया। रक्तदान शिविर से आने के बाद बाल रोग विशेषज्ञ ने नवजात को देखा। उधर, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद्रा ने बताया कि रक्तदान शिविर में बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनुपम सक्सेना गए थे। महिला चिकित्सक मंजीत कौर की ड्यूटी नसबंदी कैंप में रही।