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वर्षा से गेहूं का अंकुरण होगा प्रभावित

बारिश और ओले से सभी फसलों को नुकसान हुआ है। बारिश से भूमि की ऊपरी परत सख्त हो जाएगी जिससे गेहूं का अंकुरण प्रभावित होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:03 AM (IST)
वर्षा से गेहूं का अंकुरण होगा प्रभावित
वर्षा से गेहूं का अंकुरण होगा प्रभावित

शामली, जेएनएन। बारिश और ओले से सभी फसलों को नुकसान हुआ है। बारिश से भूमि की ऊपरी परत सख्त हो जाएगी, जिससे गेहूं का अंकुरण प्रभावित होगा।

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कृषि विज्ञान केंद्र शामली के वैज्ञानिक डॉ. विकास मलिक ने बताया कि इस बारिश और ओले से सभी फसलों को नुकसान हुआ है। जिन किसानों ने एक हफ्ते पहले तक गेहूं की बुवाई की है, उसे भी अधिक नुकसान होगा। बारिश से भूमि की ऊपरी परत सख्त हो जाएगी, जिससे गेहूं का अंकुरण प्रभावित होगा। इस वक्त गेहूं बुवाई तेजी पर थी, लेकिन बारिश के कारण अब कम से कम 15 दिन बाद ही बुवाई की जाएगी। माना जाता है कि दिसंबर में अगर एक दिन गेहूं की बुवाई में विलंब होता है तो प्रति एकड़ 25 से 30 किलोग्राम कम उत्पादन होता है। इस समय पालक, गोभी, टमाटर की फसल चल रही है और गाजर की फसल भी लगभग तैयार है। सब्जियों की जो फसल बिना मेढ़बंदी की है, उन्हें अधिक नुकसान है। बारिश और ओले से सब्जियों के फूल और पत्ते गिर जाते हैं और उत्पादन प्रभावित होता है। साथ ही फसल पर फल है, वह भी खराब हो जाएगा। पौधों में गलन की समस्या भी आ जाती है। आलू की फसल में भी उत्पादन प्रभावित हो सकता है, क्योंकि जमीन की ऊपरी परत सख्त हो जाएगी। इसके अलावा आलू की अगेती फसल में झुलसा आदि रोग भी आ सकता है। सरसों में इस समय फूल आ रहे हैं तो इसमें भारी नुकसान है। ओला पड़ने से गन्ने में भी नुकसान है। ओला पड़ने से पत्तियां टूट जाएंगी, जिससे अगोला कम होगा। इससे उत्पादन और पशुओं के चारे पर प्रभाव पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिक विकास मलिक ने बताया कि खेतों में पानी भरने गन्ने की कटाई और छिलाई का काम प्रभावित होगा। जो गन्ना खेतों में कटा पड़ा है, वह भी खेत सूखने के बाद मिल में जाएगा। इससे गन्ने की रिकवरी कम होगी। दरअसल, खेत से गन्ना कटने के बाद एंजाइमिक गतिविधि शुरू हो जाती है। गन्ने में ग्लूकोज का फ्रक्टेज में बदलना बंद हो जाता है। ऐसे में गन्ने से शीरा अधिक बनेगा और चीनी की रिकवरी कम होगी। हो सकती है नो-केन की स्थिति

अपर दोआब चीनी मिल शामली के महाप्रबंधक (गन्ना) डॉ. कुलदीप पिलानिया ने बताया कि बारिश के चलते गन्ना कम आ रहा है और पेराई आधी रह गई है। रात तक नो-केन की स्थिति हो सकती है। क्षेत्र का दौरा किया है और शामली क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश दिखाई दी है।


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