हजरत मौलाना के घर लगा आम और खास का तांता
हजरत मौलाना इफ्तखरुल हसन के आवास पर लगा रहा लोगों का तांाता
शामली, जेएनएन। कांधला निवासी व विश्वविख्यात इस्लामिक धर्मगुरू के इंतकाल के तीसरे दिन भी उनके आवास पर लोगों को आना जाना जारी है। मरहूम हजरत के परिवार से मिलकर लोगों ने शोक संवेदना प्रकट की। पूर्व सांसद सहित मद्रास से आए उलेमाओं ने हजरत के आवास पर पंहुच कर शोक प्रकट किया।
रविवार को मोहल्ला शेखजादगान निवासी 97 वर्षीय हजरत मौलाना इफ्तखारूल हसन की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई। सोमवार को हजरत की अंतिम यात्रा में दर्शन के लिए लाखों लोगों की भीड़ कस्बे में उमड़ पड़ी थी। नम आंखों से हजरत को अंतिम विदाई दी गई। देर रात तक हजरत की जियारत के लिए लोगों को आना जाना लगा रहा। पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रहा। हजरत इफ्तखारुल हसन के इंतकाल को लेकर कांग्रेस के पूर्व सासंद हरेंद्र मलिक के द्वारा कस्बे में पवन कंसल के आवास पर शोक व्यक्त करते कहा कि कोमी एकता के मसीहा के जाने के बाद उनकी क्षति को पूरा करना संभव नही है। शोकसभा मे ओमप्रकाश शर्मा, जिला अध्यक्ष ओमबीर मलिक, श्रवण कुमार सुलतान सिंह, धूमपाल सिंह, अरविद कंसल, डॉक्टर रश्मि कांत सहित आदि लोग मौजूद रहे। इसके बाद पूर्व सांसद अपनी टीम के साथ हजरत के आवास पर पहुंचे। उन्होंने कभी भी किसी धर्म के लोगों के साथ भेदभाव नही किया। हमेशा ही जो भी उनके पास गया, उसे उसके कौम के रास्ते पर चलने की सीख दी।
लोगों में नहीं दिख रही ईद की खुशी
कांधला: विश्वविख्यात हजरत मौलाना इफ्तखारुल हसन के इंतकाल के बाद उनके मुरीदों में मायूसी छाई हुई है। जिसके चलते बुधवार को ईद का रंग भी फीका ही रहेगा। हालांकि हजरत मौलाना अब्बा ने हमेशा ही दोनों समुदाय के लोगों को आपस में मिलजुल कर त्यौहार मनाने की सीख दी हो, लेकिन उनके जाने के बाद अबकी बार ईद दोनों ही समुदाय के लोग उदास है। आखिर कस्बे के लोगों ने एक सख्स को खो दिया, जिसकी भरपाई करना ना मुमकिन लग रहा है। हजरत के मुरीद सोनू ठाकुर, हैदर, रमीज, नौशाद व नदीम सहित कई अन्य का कहना है कि अब की बार ईद तो केवल नाम की है। अब्बा के इंतकाल के बाद सदमे से भी उभरा नही जा रहा है। ऐसे में ईद मनाने का तो सवाल ही नही उठता है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप