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एनजीटी में दायर की जा चुकी याचिका

जागरण संवाददाता, शामली : यमुना की धारा को अस्थायी पुल से प्रभावित करने का मामला तूल पकड़ र

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:18 PM (IST)
एनजीटी में दायर की जा चुकी याचिका
एनजीटी में दायर की जा चुकी याचिका

जागरण संवाददाता, शामली : यमुना की धारा को अस्थायी पुल से प्रभावित करने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में पूर्व में ही एक ग्रामीण ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर की। गुरुवार को इसकी सुनवाई भी हुई। इस दौरान ग्रामीणों ने यमुना की धारा प्रभावित करने को बेहद खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। यमुना के कटाव से फसलों को भी नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों ने एनजीटी से अस्थायी पुल हटाने और इसकी अनुमति देने वालों की जांच करने की मांग की है। एनजीटी ने इस मामले को बेहद गंभीर मान जिला प्रशासन, जिला खनन अधिकारी, ठेकेदार व अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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लगभग दो माह पूर्व यमुना पर अस्थायी पुल बनाने का काम शुरू हुआ। अस्थायी पुल गांव मवीं, रामड़ा, हैदरपुर, मोहम्मदपुर राई, खुरगान व मंडावर के निकट बनाया गया है। यह पुल काफी नीचा है। पाइप की क्षमता इतनी नहीं है कि उससे यमुना का पानी सहजता से प्रवाहित हो सके। पुल से पानी जहां रुक रहा है, वहीं उसने पुल को भी क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया है। पुल का किनारे का काफी हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। बाढ़ की आशंका देखते हुए एनजीटी में किसानों ने एक याचिका दायर की थी। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार को इसकी सुनवाई के दौरान जागरण में प्रकाशित खबर भी दिखाई गई। इस दौरान पुल के फोटो, आते-जाते वाहन व अन्य दस्तावेज भी पेश किए गए। एनजीटी ने पूरे मामले पर गंभीर रुख अख्तियार किया। इस दौरान एनजीटी ने आश्चर्य जताया कि किस आधार पर यमुना की मुख्य धारा पर अस्थायी पुल बनाने की अनुमति दे दी गई। एनजीटी ने शामली जिला प्रशासन, जिला खनन अधिकारी, पुल निर्माण करने वाले ठेकेदार व अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। उनसे अस्थायी पुल निर्माण व यहां चलाई जा रही मशीनों पर जवाब मांगा गया है। एनजीटी के इस रुख से हड़कंप की स्थिति है।

एक दर्जन गांवों में पैदा हुआ बाढ़ का खतरा

यमुना नदी की मुख्यधारा पर बनाए गए अस्थायी पुल से ग्रामीणों में आक्रोश है। गांव मवी, रामडा, हैदरपुर, मौहम्मदपुर राई, खुरगान व मंडावर समेत विभिन्न गांवों के लोगों को आशंका है यह पुल बेहद खतरनाक है। इससे यमुना में कटाव बढ़ेगा ओर उनके खेतों की ओर पानी आएगा। इससे यमुना की धारा रास्ता बदल लेगी। बरसात में यमुना में पहाड़ों की बारिश का पानी आने पर बाढ़ आ जाएगी। इससे खेतों में खड़ी फसल व गांव बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बरसात से पहले ही इस पुल को हटाया जाना चाहिए।


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