त्याग के बिना कुछ भी मिलना असंभव : विज्ञान सागर
जागरण संवाददाता, शामली: जैन धर्मशाला में आयोजित पर्यूषण पर्व के आठवें दिन शुक्रवार को त्याग
जागरण संवाददाता, शामली: जैन धर्मशाला में आयोजित पर्यूषण पर्व के आठवें दिन शुक्रवार को त्याग धर्म की पूजा-अर्चना की गई। इस अवसर पर विज्ञान सागर महाराज के सानिध्य में सम्मेद शिखर का विधान भी किया गया। जैन मुनि ने कहा कि बिना त्याग के संसार में कुछ नहीं मिलता है।
श्री दिगंबर जैन साधु सेवा समिति ने महावीर मार्ग स्थित जैन धर्मशाला में आयोजित पर्यूषण पर्व के आठवें दिन शुक्रवार को त्याग धर्म की पूजा-अर्चना का आयेजन किया। इस मौके पर इंद्र-इंद्राणियों ने पूजा-अर्चना में भाग लिया। सौधर्म इंद्र श्रीपाल जैन, ममलेश जैन, राहुल जैन रहे। वहीं शांति धारा अभय जैन ने संपन्न कराई। इस मौके पर सम्मेद शिखर का भी विधान किया गया।
विज्ञान सागर महाराज ने कहा कि हमें शिखरजी की वंदना अवश्य करनी चाहिए। बिना त्याग के संसार में कुछ नहीं मिलेगा, त्याग केवल साधु करता है, श्रावक केवल दान कर सकता है। जो दिन में शादी करता है उसका बहिष्कार करें और ऐसी शादी में न जाएं। मौके पर जेके जैन, अनिल जैन, प्रवीण जैन, सुशील जैन, कनिष्क जैन, वीरेश जैन, सलेकचंद जैन आदि भी मौजूद रहे। इस दौरान बच्चों के लिए नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इसमें 25 बच्चों ने प्रतिभाग किया। उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।