गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों की कॉल रिकॉर्डिंग में ‘वो आखिरी दिन होगा’जैसी खतरनाक बातें
रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार संदिग्धों गुलजार और शहजाद के मोबाइल से मिली कॉल रिकॉर्डिग में भय और आतंक से भरी बातें हैं।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 10:40 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 10:40 AM (IST)
शामली,जेएनएन। ई-मेल भेजकर शामली समेत कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार संदिग्धों गुलजार और शहजाद के मोबाइल से मिली कॉल रिकॉर्डिग में भय और आतंक से भरी बातें हैं। एसपी के अनुसार जो बातें हैं, उनका इशारा किसी बहुत बड़ी घटना की साजिश की ओर है। हालांकि,पुलिस ने यह नहीं बताया कि क्या-क्या बातें इसमें की गई हैं। यह जरूर बताया कि इसमें एक वाक्य है-‘वो आखिरी दिन होगा’।
पुलिस को भी आया पसीना
साइबर सेल ने मोबाइल की जांच की तो इसमें काफी कॉल यानी बातचीत रिकॉर्ड थीं। जब इन्हें सुना गया तो पुलिस को भी पसीना आ गया। सूत्रों की मानें तो इसके बाद ही एटीएस को बुलाया गया। एसपी के अनुसार जिन लोगों से इनकी बात हुई है,वह गाजियाबाद और मेरठ के रहने वाले हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार ये लोग बेहद खतरनाक हैं। ये लोग ऐसी बातें कर रहे थे,जैसे इनकी साजिश बड़ी घटना को अंजाम देना हो। वहीं,पुलिस मोबाइल में मिले अन्य काफी नंबरों के बारे में भी पड़ताल कर रही है।
पाक या अन्य किसी देश से कॉल या ई-मेल नहीं
एटीएस और पुलिस ने गुलजार की ई-मेल आइडी के साथ दोनों संदिग्धों के मोबाइल की गहनता से जांच की। इसमें देखा गया कि इनके पास कोई फोन या ई-मेल पाकिस्तान या किसी अन्य देश तो नहीं आया है। हालांकि, ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।
कोर्ट में पेश करने से पहले भी एटीएस ने की पूछताछ
पुलिस लाइन में दोपहर बाद दो बजे प्रेसवार्ता के बाद भी एटीएस ने संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो एटीएस का मकसद इनसे यही जानना रहा है कि किसी साजिश की जानकारी इन्हें है या नहीं। हालांकि, कोई खास जानकारी नहीं मिली है। इसके बाद पुलिस इन्हें लेकर कोर्ट चली गई।
90 के दशक में पकड़े गए थे चार आइएसआइ एजेंट
शामली में 90 के दशक में गठरी गैंग से जुड़े पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के चार एजेंट पकड़े गए थे। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ये पाकिस्तान भाग गए थे। चारों कैराना के रहने वाले थे। दरअसल, उस वक्त गठरी कारोबार चलता था। पाकिस्तान में लोगों का आना-जाना था। लेकिन,कुछ लोगों ने इस कारोबार की आड़ में गठरी गैंग बना लिया थो। कैराना निवासी दिलशाद मिर्जा,इकबाल काना,फेमिदा उर्फ हमीदा,सुरैया को आइएसआइ एजेंट होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गठरी में ये हथियार,ड्रग्स और नकली करेंसी छिपाकर लाते थे।
जासूसी में कैराना के फरहत की भी हुई थी गिरफ्तारी
कैराना निवासी फरहत को वर्ष 2016 में दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप था कि फरहत भारतीय सेना एवं रक्षा संबंधी संवेदनशील दस्तावेज पाकिस्तान को देता था।
पुलिस को भी आया पसीना
साइबर सेल ने मोबाइल की जांच की तो इसमें काफी कॉल यानी बातचीत रिकॉर्ड थीं। जब इन्हें सुना गया तो पुलिस को भी पसीना आ गया। सूत्रों की मानें तो इसके बाद ही एटीएस को बुलाया गया। एसपी के अनुसार जिन लोगों से इनकी बात हुई है,वह गाजियाबाद और मेरठ के रहने वाले हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार ये लोग बेहद खतरनाक हैं। ये लोग ऐसी बातें कर रहे थे,जैसे इनकी साजिश बड़ी घटना को अंजाम देना हो। वहीं,पुलिस मोबाइल में मिले अन्य काफी नंबरों के बारे में भी पड़ताल कर रही है।
पाक या अन्य किसी देश से कॉल या ई-मेल नहीं
एटीएस और पुलिस ने गुलजार की ई-मेल आइडी के साथ दोनों संदिग्धों के मोबाइल की गहनता से जांच की। इसमें देखा गया कि इनके पास कोई फोन या ई-मेल पाकिस्तान या किसी अन्य देश तो नहीं आया है। हालांकि, ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।
कोर्ट में पेश करने से पहले भी एटीएस ने की पूछताछ
पुलिस लाइन में दोपहर बाद दो बजे प्रेसवार्ता के बाद भी एटीएस ने संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो एटीएस का मकसद इनसे यही जानना रहा है कि किसी साजिश की जानकारी इन्हें है या नहीं। हालांकि, कोई खास जानकारी नहीं मिली है। इसके बाद पुलिस इन्हें लेकर कोर्ट चली गई।
90 के दशक में पकड़े गए थे चार आइएसआइ एजेंट
शामली में 90 के दशक में गठरी गैंग से जुड़े पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के चार एजेंट पकड़े गए थे। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ये पाकिस्तान भाग गए थे। चारों कैराना के रहने वाले थे। दरअसल, उस वक्त गठरी कारोबार चलता था। पाकिस्तान में लोगों का आना-जाना था। लेकिन,कुछ लोगों ने इस कारोबार की आड़ में गठरी गैंग बना लिया थो। कैराना निवासी दिलशाद मिर्जा,इकबाल काना,फेमिदा उर्फ हमीदा,सुरैया को आइएसआइ एजेंट होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गठरी में ये हथियार,ड्रग्स और नकली करेंसी छिपाकर लाते थे।
जासूसी में कैराना के फरहत की भी हुई थी गिरफ्तारी
कैराना निवासी फरहत को वर्ष 2016 में दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप था कि फरहत भारतीय सेना एवं रक्षा संबंधी संवेदनशील दस्तावेज पाकिस्तान को देता था।
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