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दो फुट की तरन्नुम..शौहर अब्दुल मियां भी इतने ही बड़े

संसू, ऊन (शामली) : हर लड़की के मन में 'सपनों के राजकुमार' की चाह होती है। तरन्नुम ने भी ऐसा

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 10:43 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 10:43 PM (IST)
दो फुट की तरन्नुम..शौहर अब्दुल मियां भी इतने ही बड़े
दो फुट की तरन्नुम..शौहर अब्दुल मियां भी इतने ही बड़े

संसू, ऊन (शामली) : हर लड़की के मन में 'सपनों के राजकुमार' की चाह होती है। तरन्नुम ने भी ऐसा ही हसीन ख्वाब संजोया था लेकिन इसे पूरा होने में बाधा बना था उनका कद। मात्र दो फुट ऊंचाई के कारण कहीं भी बात नहीं बन पाती थी। हालांकि, थोड़ा वक्त लगा लेकिन मंजिल हाथ आ गई। पिछले दिनों वह निकाह के बाद अपने शौहर अब्दुल कलाम के साथ खुशी-खुशी ससुराल रुख्सत हुईं। खास बात यह कि अब्दुल मियां का कद भी लगभग दो फुट ही है। अपने ढंग की इस अनोखी शादी की न सिर्फ दूर-दूर तक चर्चा है बल्कि तमाम लोग इस आयोजन के गवाह भी बने।

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सामान्य है भाइयों का कद

मुजफ्फरनगर जिले के नंगला गांव में रसीद अहमद के घर 26 साल पहले जन्मी थी एक नन्ही परी..नाम रखा गया तरन्नुम। इस समय तरन्नुम की उम्र लगभग 26 साल है लेकिन ऊंचाई है मात्र दो फुट। परिवार में तरन्नुम के दो भाई जुल्फिकार व उमर हैं लेकिन ये दोनों सामान्य कद-काठी के हैं। उम्र तो बढ़ती गई लेकिन तरन्नुम का कद वहीं का वहीं रुका रहा। माली हालत खराब होने के बावजूद परिजनों ने डाक्टरों को भी दिखाया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।

टूट रहा था ख्वाब

लगभग 22 साल पहले रसीद मियां का इंतकाल हुआ तो तरन्नुम अपनी मां मेहताब के साथ मामा जमशेद के यहां शामली जिले की तहसील ऊन के गांव अंबेहटा रिदान में आकर रहने लगी। उम्र बढ़ने के साथ तरन्नुम की शादी की फिक्र भी बड़ी होने लगी। तमाम जगह बात चलाई लेकिन छोटे कद के कारण कहीं बात नहीं बन सकी। हर बार नकारात्मक परिणाम आया तो तरन्नुम के ख्वाब दरकने लगे। ऐसे मिली मंजिल

इसी बीच रिश्तेदार भी प्रयास में लगे रहे कि कहीं कोई बात बन जाए। एक माह पूर्व तरन्नुम को मां और मामा के जरिए यह खुशखबरी मिली कि उसके 'सपनों का राजकुमार' अब्दुल कलाम मुजफ्फरनगर के गांव छतैला में मिल गया है। खास बात यह कि अब्दुल मियां का कद भी लगभग दो फुट ही है। इसके बाद अब्दुल कलाम और तरन्नुम ने एक-दूसरे को देखकर पसंद किया तो रिश्ता तय हो गया।

हुआ निकाह..बढ़ गए भावी जीवन के सफर पर

गत 25 जनवरी को अब्दुल मियां धूमधाम से बरात लेकर अंबेहटा पहुंचे। बरात का स्वागत हुआ, दावत हुई और निकाह के बाद तरन्नुम और कलाम एक दूजे के हो गए।

कोई लेन-देन नहीं

ग्राम प्रधान सत्तार समेत तमाम लोग इस शादी में शामिल हुए। अब्दुल कलाम के परिजनों ने दहेज भी नहीं लिया। हालांकि, अब्दुल मियां मियां फिलहाल कोई काम-धंधा नहीं करते हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि उनकी ¨जदगी बड़ी खूबसूरत रहेगी। फिलहाल तरन्नुम ससुराल में है। तमाम लोग दुल्हन को देखने पहुंच रहे हैं। तरन्नुम की मां कहती हैं, भले ही उनकी बेटी का कद कम है लेकिन वह व्यवहारिक और समझदार होने के साथ-साथ गृहकार्य में भी पूर्ण निपुण है।


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