भय पैदा करने को लिया था सुनील राठी का नाम
जासं, शामली : रंगदारी के मामले में गिरफ्तार नितिन स्नातक तक पढ़ा है। वह दिल्ली में ही सिविल
जासं, शामली : रंगदारी के मामले में गिरफ्तार नितिन स्नातक तक पढ़ा है। वह दिल्ली में ही सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। पुलिस की मानें तो इस पूरी साजिश का मुख्य सूत्रधार नितिन ही है। नितिन परमानंद के साले का छोटा बेटा है। बकौल पुलिस नितिन बेहद शातिर है। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि उसी ने पूरी योजना बनाई। उसका मकसद रंगदारी वसूलकर पुलिस पकड़ से दूर रहना था। इसीलिए इस साजिश में पुष्पेंद्र और अनिल जैसे लोगों को शामिल किया गया, जिनसे उनका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी के नाम की तूती बोलने लगी थी। इसलिए रंगदारी मांगने के लिए सुनील राठी के नाम का इस्तेमाल किया गया। इन्हें उम्मीद थी कि राठी का नाम सुनते ही परमानंद डर जाएंगे। पुलिस को जानकारी दिए बिना रकम दे देंगे। पुलिस ने बताया कि सचिन 12वीं पास है और अन्य गिरफ्तार आरोपित खेतीबाड़ी करते हैं। कारोबार में हुआ था घाटा
सचिन ने बैटरी-इन्वर्टर का कारोबार किया था। उसके पार्टनर ने उसे धोखा दे दिया। इससे कारोबार में सचिन को भारी घाटा हुआ। घाटे से उबरने के लिए विकास निवासी शांति कॉलोनी मुजफ्फरनगर के साथ अपने ही रिश्तेदार से रंगदारी वसूलने की योजना बनाई। विकास के माध्यम से ही पुष्पेंद्र और अनिल से संपर्क हुआ। अनिल ने ही रंगदारी के लिए फोन किया था। अनिल के कब्जे से एक देशी पिस्टल, चार जिंदा कारतूस, एक मोबाइल और दो सिम बरामद हुए हैं।