छात्राओं ने लिया एकजुट रहने का संकल्प
युवा शब्द जो मात्र दो अक्षरों से बना है लेकिन इसमें शक्ति सहनशीलता और प्यार भरा है जिससे प्रत्येक राष्ट्र अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता है। इसमें इतनी शक्ति भरी है कि इसका मुकाबला करने में काल भी संकोच करता है।
शामली, जागरण टीम। युवा शब्द जो मात्र दो अक्षरों से बना है, लेकिन इसमें शक्ति, सहनशीलता और प्यार भरा है, जिससे प्रत्येक राष्ट्र अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता है। इसमें इतनी शक्ति भरी है कि इसका मुकाबला करने में काल भी संकोच करता है। बशर्ते युवा सही समय और उचित दिशा में अपने प्रयासों को लगाएं। राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों को भलीभांति समझाने के लिए हमें कुछ वर्ष पीछे जाना होगा, जहां एक ऐसी अट्टालिका की नींव इन युवाओं ने रखी थी जिसके मनोहर प्रांगण और प्रकोष्ठों पर बड़े आनंद के साथ हर भारतवासी को आज भी गर्व हैं। हम एक रहेंगे तो देश मजबूत होगा और देश का विकास होगा।
शुक्रवार को शामली के हिदू कन्या इंटर कालेज में दैनिक जागरण की ओर से कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें दैनिक जागरण में प्रकाशित संस्कारशाला की कहानी को शिक्षिका मीनाक्षी ने छात्राओं को पढ़कर सुनाया। उन्होंने छात्राओं को विभिन्न जानकारी भी दी। शिक्षिका ने कहा कि आजादी से पहले की बात है, जब हमारे राष्ट्र के युवाओं ने उत्तरदायित्व को अंगीकार करके विदेशी दासता से अपने राष्ट्र को मुक्त कराया। भले ही इसके लिए उन्हें फांसी के फंदे में अपने प्राण न्योछावर करने पड़े। महान लेखक मुंशी प्रेमचंद की रचना 'दुनिया का सबसे अनमोल रत्न' का नायक दिल-फिगार मातृभूमि को दासता की बेड़ियों से बचाने के लिए मर मिटने वाले सैनिकों के लोहित कण को अपनी प्रेयसी के समक्ष प्रस्तुत कर उसे ही दुनिया का सबसे अनमोल रत्न होने एवं अपने प्यार का दावा करता है, जो मानव मात्र को राष्ट्रीय दायित्व का पाठ पढ़ाने के लिए काफी है। शिक्षिका उपासना ने कहा कि दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित कहानी ने राष्ट्र की अखंडता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्कारशाला को पढ़ना युवाओं के लिए जरूरी है। संस्कारशाला हमें हमेशा अनुशासन की नई जानकारी देती है। प्रधानाचार्य डा. दीपाली गर्ग ने भी संस्कारशाला की सराहना की।