किसानों की महापंचायत, कलक्ट्रेट में तालाबंदी
शामली: किसान यूनियन के बैनर तले कलक्ट्रेट में किसानों की महापंचायत हुई। किसान, प्रशासन
शामली: किसान यूनियन के बैनर तले कलक्ट्रेट में किसानों की महापंचायत हुई। किसान, प्रशासन और मिल अधिकारियों पर जमकर बरसे। शाम तक कोई भी वार्ता के लिए नहीं पहुंचा तो आक्रोशित किसानों ने कलक्ट्रेट के मेन गेट पर ताला जड़ दिया। इससे प्रशासन हरकत में आया और अपर जिलाधिकारी के साथ मिल के अधिकारी वार्ता को पहुंचे। इसके बाद ताला खोला गया। लेकिन, भुगतान को लेकर कोई सहमति नहीं बनी और धरना जारी रखने का निर्णय लिया गया। बुधवार से कलक्ट्रेट में दिन-रात किसान डटे हैं।
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने कहा कि किसानों के सब्र की परीक्षा न ली जाए। किसान बेहद परेशान है। भुगतान न होने से घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन किसान कर्ज लेने को मजबूर हो रहा है। समाजसेवी जयवीर कुड़ाना ने कहा कि इस सरकार से काफी उम्मीदें थी, लेकिन इस सरकार में ही किसान सबसे ज्यादा त्रस्त है। गठवाला खाप के चौधरी बाबा हरिकिशन ¨सह के प्रतिनिधि चौधरी राजेंद्र ¨सह, बूढियान खाप चौधरी जसबीर ¨सह, कालखंडे खाप चौधरी संजय ¨सह, बहावड़ी थांबेदार गठवाला खाप चौधरी श्याम ¨सह, लांक थांबेदार गठवाला खाप चौधरी र¨वद्र ¨सह, सांसद प्रतिनिधि मनोज राणा, रश्मि चौधरी आदि ने अपने विचार रखे। बत्तीसा खाप के चौधरी उदयवीर ¨सह ने महापंचायत की अध्यक्षता की। अफसरों को मिली है झूठ बोलने की ट्रे¨नग
किसानों ने कहा कि सरकार झूठी है और सरकार ने अफसरों को भी इसकी ट्रे¨नग दी हुई है। जब किसी अधिकारी से वार्ता करते हैं तो ऐसा आश्वासन दिया जाता है, जिससे लगता है कि शाम को ही किसानों को पेमेंट मिल जाएगा। लेकिन कुछ नहीं होता। सीएम के बयान की ¨नदा
किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की ¨नदा की। कहा कि मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि कुछ लोग मुंडन कराने और धरना-प्रदर्शन करने के लिए पैदा हुए हैं। एक मुख्यमंत्री के मुख से ऐसा बयान शोभा नहीं देता है। इससे साफ है कि प्रदेश के मुखिया को किसानों की पीड़ा से कोई लेना-देना नहीं है। एक मांग पर बनी सहमति
यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने बताया कि अपर जिलाधिकारी ने वार्ता में भरोसा दिया कि किसानों पर ऊर्जा निगम ने जो मुकदमें दर्ज किए हैं, वह वापस लिए जाएंगे। ऐसे आश्वासन प्रशासन देता रहा है, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जाती।