किसान भुगतान की जल्द मांग पर अड़े
शामली: शामली चीनी मिल छह दिन से बंद है, जबकि गन्ना भुगतान को लेकर किसानों के तेवर तल्ख ह
शामली: शामली चीनी मिल छह दिन से बंद है, जबकि गन्ना भुगतान को लेकर किसानों के तेवर तल्ख हैं। मिल अफसरों ने किसानों से वार्ता की और भुगतान के 15-20 दिन का समय मांगा, लेकिन किसानों ने साफ इन्कार कर दिया। बोले कि 14 दिन छोड़कर संपूर्ण भुगतान चाहिए। इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं। अगर भुगतान जल्द नहीं हुआ तो आत्मदाह के लिए विवश होना पड़ेगा।
सोमवार को पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक और सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर सुधीर पंवार किसानों के बीच पहुंचे। पूर्व सांसद ने कहा कि हमें अपनी हक की लड़ाई लड़ने के लिए एकजुट रहना होगा। मिल मालिक चीनी बेचे या कुछ और करे, किसानों को अपना पैसा चाहिए। प्रोफेसर सुधीर पंवार ने कहा कि किसानों का भुगतान करने की जिम्मेदारी मिल एवं सरकार दोनों की है। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि यदि तीन दिन में भुगतान नहीं होता तो शामली चीनी मिल के किसानों को अन्य मिलों के किसानों को भी इस आंदोलन में सम्मिलित होने की अपील करनी चाहिए। दोपहर में अपर जिलाधिकारी केबी ¨सह और मिल अधिकारी किसानों से वार्ता करने पहुंचे, जो बेनतीजा रही। मिल अधिकारियों ने किसानों से कहा कि वे अपनी चीनी मिल बेचकर किसानों को बकाया भुगतान कर देंगे। इसके लिए कुछ समय चाहिए। नए पेराई सत्र का दस करोड़ रुपये गन्ना समिति को भेज दिया है। लेकिन, किसानों ने धरना समाप्त करने से इन्कार कर दिया। किसानों ने डीसीओं को बताया चोर
धरने के दौरान पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने जिला गन्ना अधिकारी से पूछा कि क्या भुगतान न करने वाली मिलों मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी हुए हैं और अगर हुए हैं तो क्या किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। गन्ना अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए और बगले झांकने लगे। इस बीच किसानों से डीसीओ को चोर-चोर कहना शुरू कर दिया। किसानों ने कहा हमने मिल को गन्ना डीसीओं के जरिए दिया, लेकिन डीसीओं भी शामली चीनी मिल के साथ मिला है और किसानों को शोषण किया जा रहा है।