मेले में तालीम ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
जलालाबाद (शामली): पेड़-पौधे जहां लोगों के लिए स्वच्छ पर्यावरण में सहायक है वहीं, यह रोजगा
जलालाबाद (शामली): पेड़-पौधे जहां लोगों के लिए स्वच्छ पर्यावरण में सहायक है वहीं, यह रोजगार परक भी है। तालीम ने पहली बार मेले में पौधों की बिक्री का स्टाल लगाकर इसकी शुरुआत की। तालीम के इस प्रयास को देखकर किसी ने निंदा तो किसी ने सराहना की। बहरहाल, मेले में तालीम से पौधे खरीदने वालों की संख्या भी कम नहीं थी। इस दौरान तालीम ने इतना कहा कि पेड़-पौधों से पर्यावरण संरक्षण के साथ ही वह अपने परिवार की गुजर-बसर का भी संरक्षण कर रहा है।
हसनपुर लुहारी गांव में दो दिवसीय मेला जाहरवीर गोगा म्हाड़ी पर हर साल लगता है। गोगा म्हाड़ी पर दूसरे दिन भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इस दौरान लोगों ने पवित्र निशान व प्रसाद चढ़ाकर मन्नतें मांगी। मेले में अनेक प्रकार की दुकानें सजी हुई थी। मेले में प्लास्टिक के गिलास का प्रयोग होता भी देखा गया। मेले के एक कोने में पौधों की दुकान लगाकर सहारनपुर निवासी तालीम भी बैठा था। पौधों की बिक्री तालीम के लिए रोजगार व पेट भरने का एक साधन तो था ही साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी था। तालिम यहां लोगों को जागरूक भी कर रहा था। तालिम ने बताया कि वह सात साल से पौधे बेच रहा है। तरक्की के इस दौर में हरे भरे जगंलों का कटान हो रहा है। जंगल खत्म होते जा रहे है। यही आलम रहा तो सांस लेने के लिए वातावरण में ऑक्सीजन की कमी होती जा रही है। ऐसे में हर व्यक्ति जिम्मेदारी से पर्यावरण संरक्षण पर काम कर पौधारोपण करें तो यह समस्या दूर हो जाएगी।