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आवारा कुत्तों का आतंक, दहशत में राहगीर

जिले के गली-मोहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक है। शायद ही कोई सड़क या गली हो जहां उनकी दहशत न हो।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 11:29 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 06:07 AM (IST)
आवारा कुत्तों का आतंक, दहशत में राहगीर
आवारा कुत्तों का आतंक, दहशत में राहगीर

शामली, जेएनएन। जिले के गली-मोहल्लों में आवारा कुत्तों का आतंक है। शायद ही कोई सड़क या गली हो, जहां उनकी दहशत न हो। राहगीर परेशान हैं कि कुत्तों का झुंड हमलाकर उन्हें कभी भी घायल कर सकता है। सरकारी व निजी अस्पतालों में लोग काफी संख्या में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं।

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शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक है। नगरपालिका और जिला प्रशासन इन कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से असहाय साबित हो रहा है। आए दिन शहर की गलियों और सड़कों पर बेखौफ आवारा कुत्तों का समूह राहगीरों व स्थानीय लोगों को हमला कर घायल कर रहा है। इसके बावजूद इनकी संख्या पर नियंत्रण लगाने की कोई कोशिश नहीं की गई है। जिले में आवारा कुत्तों का आतंक किस कदर है, इसकी गवाही सरकारी अस्पताल व निजी चिकित्सकों के पास पहुंच रहे लोगों, बच्चों की संख्या देती है। जिले के सरकारी अस्पतालों में तीन निर्धारित दिनों पर ही वैक्सीन लगते हैं। हालात यह है कि प्रतिदिन अस्पतालों में 30 से 40 कुत्तों के हमले से घायल होकर मरीज पहुंचते हैं। बीते दो सालों में कुत्तों के हमले से करीब 500 से अधिक महिला, पुरूष व बच्चे घायल हो चुके है। अक्सर लोग कुत्तों से हमलों के चलते लोग निकायों में कई मर्तबा शिकायतें करते रहे हैं, लेकिन कोई निदान नहीं हो रहा है। कुत्तों की बढ़ती फौज को देखकर स्कूली बच्चे भी खौफजदा हैं। इस समय जिले में आठ हजार से अधिक कुत्तों व बंदरों की संख्या होने का अनुमान है। सैकड़ो की तादाद में लावारिस कुत्तों को रोकने के लिए किसी भी स्तर पर कोई पहल नहीं हो रही है। राहगीर रास्ते बदलने पर मजबूर

आवारा कुत्तों का सबसे अधिक आतंक मोहल्ला गुजरातियान, बडि़याल, दयानंदनगर, बड़ा बाजार, बरखंडी व आजाद चौक मोहल्ला में है। इसके अलावा सब्जी और खोया बाजार में भी कुत्तों बढ़ती संख्या परेशानी का सबब है। लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में कुत्तों का आतंक बढ़ जाता है। इससे उन्होंने इस मार्ग को आने-जाने के लिए बदल दिया है। वहीं दयानंदनगर निवासी जोगेंद्र सैनी ने बताया कि एक माह में छह से अधिक लोग कुत्ते को काटने से जख्मी कर चुके है। इससे वह बच्चों को खुद अपने साथ स्कूल छोड़ने और लेने जाते हैं। इन्होंने कहा

आवारा कुत्तों के काटने को लेकर निकायों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। नियमानुसार प्रभावी तरीके से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसमें लापरवाही पर भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

- अरविद कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी


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