स्माग की चादर से धुआं-धुआं आसमान
सर्दी लगातार बढ रही है वहीं स्माग भी अपना कहर बढाता जा रहा है। सर्दी के साथ मौसम में नमी आने से प्रदूषण आसमान में स्माग का रूप ले रहा है। स्माग शाम ढलते ही आसमान में छाने लगता है और सुबह देर तक इसका असर रहता है। हालांकि धूप निकलने के साथ ही धीरे धीरे स्माग का असर कम हो जाता है।
जेएनएन, शामली। सर्दी लगातार बढ रही है, वहीं स्माग भी अपना कहर बढाता जा रहा है। सर्दी के साथ मौसम में नमी आने से प्रदूषण आसमान में स्माग का रूप ले रहा है। स्माग शाम ढलते ही आसमान में छाने लगता है और सुबह देर तक इसका असर रहता है। हालांकि धूप निकलने के साथ ही धीरे धीरे स्माग का असर कम हो जाता है। बुधवार को भी सुबह देर तक आसमान में स्मॉग की चादर फैली रही। जिससे आंखों में जलन के साथ ही सांस में घुटन की दिक्कत महसूस होती रही।दूसरी ओर वाहन सवारों को भी काफी मुश्किलें आ रही है।
मंगलवार को रात्रि में भी स्माग आसमान में छाया रहा। यह सिलसिला बुधवार को करीब 10 बजे के बाद तक जारी था। इससे लोगो को आंखों में जलन व सांस लेने में भी तकलीफ होती रही। हर साल हम स्मॉग की स्थिति से निपटने के लिए अफसर तमाम तरीकों से वायु प्रदूषण को मात देने के दावे करते है। लेकिन स्मॉग हर साल बढ़ ही रहा है। अपर जिलाधिकारी अरविद कुमार सिंह ने बताया कि प्रदूषण से निजात दिलाने के गन्ने की पत्ती व पराली के साथ कूडा करकट जलाने पर सख्ती से रोक लगा रखी है। दूसरी ओर अब पटाखा पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को स्मॉग का असर काफी देखने को मिला है। हालांकि 10 बजे के बाद बढ़ती धूप के साथ ही स्मॉग कम होने लगा।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डीसी पांडेय ने बताया कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। शामली वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर तक पहुंच चुका है।