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रात से सुबह तक रहने लगा स्माग का प्रकोप

स्माग की चादर शाम होते ही फैलने लगती है जिसका असर सुबह तक देखने को मिल रहा है। इससे आंखों में जलन के साथ ही सांस में घुटन की दिक्कतें सामने आने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 05:09 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 05:09 AM (IST)
रात से सुबह तक रहने लगा स्माग का प्रकोप
रात से सुबह तक रहने लगा स्माग का प्रकोप

शामली, जेएनएन। जिले में स्माग का असर लगातार बढ रहा है। सर्दी के साथ ही आ रही मौसम में नमी के प्रभाव के कारण प्रदूषण के कण आसमान में स्माग की सफेद चादर बना रहे है। हालात यह है कि स्माग की चादर शाम होते ही फैलने लगती है, जिसका असर सुबह तक देखने को मिल रहा है। इससे आंखों में जलन के साथ ही सांस में घुटन की दिक्कतें सामने आने लगी है।

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मंगलवार रात्रि में भी स्माग आसमान में छाया रहा। इससे आंखों में जलन व सांस लेने में भी तकलीफ होती रही। सांस के मरीजों को सर्वाधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वैसे तो हर साल हम स्माग की स्थिति से निपटने के लिए अफसर तमाम तरीकों से वायु प्रदूषण को मात देने के दावे करते है। लेकिन हर बार जहरीली हवा इन दिनों दम घोंटू बनने लगती है। स्मॉग बढने के साथ ही लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण रोकने के लिए जिला प्रशासन दावे कर रहा है, लेकिन निजात मिलती नहीं दिख रही है। जिला प्रशासन का दावा है कि प्रदूषण से निजात दिलाने के गन्ने की पत्ती व पराली के साथ कूडा करकट जलाने पर सख्ती से रोक लगा रखी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डीसी पांडेय ने बताया कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। शामली वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 तक हो चुका है। यदि हालात यही रहे तो आगे और भी बढ़ सकता है।अपर जिलाधिकारी अरविद कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी इसमें निरंतर निगरानी रखे हुए है। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई निरंतर चल रही है।


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