वाह! सिर्फ एक थैला और लाखों का कारोबार
जागरण संवाददाता, शामली : जीएसटी चोरी का माल बेचने के लिए नगर में थैला कारोबार दिन दूनी औ
जागरण संवाददाता, शामली : जीएसटी चोरी का माल बेचने के लिए नगर में थैला कारोबार दिन दूनी और रात चौगुणी तरक्की पर है। टैक्स चोरी के माल को माफिया गाड़ियों, कारों व अन्य किसी वाहन से दुकानों पर नहीं पहुंचाते बल्कि उनका कारोबार थैलों की मदद से खुलेआम चलता है। माफिया दिल्ली और हरियाणा से बिना बिल का माल लाते हैं और फिर उसे छोटे-बड़े दुकानदारों की मांग के अनुसार किसी भी समय हिफाजत के साथ पहुंचा भी देते है। जिस उत्पाद की कीमत बाजार में 100 रुपये है, उसे टैक्स चोरी कर बाजार में माल उतारने वाले माफिया सस्ते दामों में मुहैया कराकर सरकार को राजस्व की बड़ी चपत लगा रहे है। बिना टैक्स अदा किए माल घर बैठे पाकर दुकानदार इस माल को फुटकर या फिर थोक के दाम में बेच डालता है। आरोप लगते रहे है कि टैक्स चोरी के इस धंधे की जानकारी जीएसटी अधिकारियों को बखूबी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ फीसदी ही कदम उठाए जाते है।
शामली जनपद से हरियाणा व दिल्ली दोनों ही प्रदेश ज्यादा दूरी पर नहीं हैं। हरियाणा तो शामली क्षेत्र से बिल्कुल सटा हुआ है। पूर्व समय में वहां पर अधिकांश तौर पर वस्तुओं के दाम यहां से कम ही रहे। फिर व्यापारी हो या कोई अन्य, हरियाणा-दिल्ली से माल खरीदकर वहां से जीएसटी टैक्स की चोरी कर माल को यहां लाकर कम दामों पर बेचते रहे है। जीएसटी कानून के बाद भी टैक्स की चोरी करने का काम क्षेत्र में एक या दो लोग नहीं कर रहे, यदि सूत्रों की माने तो राजस्व चोरी कर मोटा मुनाफा कमाने वालों की संख्या काफी है।
कई युवक करते है थैला कारोबार
यदि सूत्रों की माने तो नगर में थैला कारोबार करने वाला एक युवक नहीं है, बल्कि आधा दर्जन से अधिक युवक इस धंधे को अपनाए हुए है। बताया जाता है कि एक युवक तो जनपद के एक कारोबारी के पास काम करता था। वहां से राहघाट पता चलने पर उसने नौकरी छोड़ दी और दिल्ली व हरियाणा से माल लाकर वह आर्डर लेने के बाद थैलों में थोड़ा-थोड़ा सामान ले जाकर दुकानों पर देता है।
नहीं दिया जाता बिल
जीएसटी कानून लागू होने के बाद माना जा रहा था कि पूरे देश में समान टैक्स होगा। सामान सस्ते दामों के साथ ही बिल पर बेचा जाएगा लेकिन ऐसा कुछ ही फीसदी हो पा रहा है, क्योंकि थैला कारोबार करने वाले टैक्स चोर माफियाओं द्वारा दुकानदार को बिल नहीं दिया जाता। इससे माना जा रहा है कि वह आगे से भी बिल पर माल नहीं खरीद रहा है।
इन्होंने कहा.
टैक्स चोरी रोकने को पूरी कार्रवाई की जाती है। मुखबिरों से भी मदद लेते है। हाल ही में कई गाड़ी माल पकड़ा गया है।
-आशुतोष पाठक, सहायक कमिश्नर जीएसटी।