Shamli News: ....तो मंच साझा नहीं कर सकेंगे सतपाल मलिक और चौधरी जयंत, यह वजह आई सामने
Governor Satyapal Malik रालोद के किसान सम्मेलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इसी कारण अब मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह मंच साझा नहीं कर पाएंगे। भाजपा पर भी आरोप लगाए गए हैं।
शामली, जागरण संवाददाता। Governor Satyapal Malik शामली में तीन अक्टूबर को होने वाला किसान सम्मेलन राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं ने स्थगित कर दिया है। इसलिए अब मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह मंच साझा नहीं कर पाएंगे। राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं का कहना है कि प्रशासन ने भाजपा सरकार के दबाव में धारा 144 लगा दी है, जिस कारण कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा है।
सम्मेलन की चल रही थीं तैयारियां
शुक्रवार को कैराना रोड पर पूर्व प्रमुख वाजिद अली के आवास पर प्रेसवार्ता के दौरान विधायक प्रसन्न चौधरी, अशरफ अली खान, पश्चिम क्षेत्र अध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन और जिलाध्यक्ष मुकेश सैनी ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि तीन अक्टूबर को शामली के ब्रिगेडियर होशियार सिंह इंटर कालेज के मैदान पर किसान सम्मेलन को लेकर तैयारियां चल रही थीं।
नहीं दबा पाएंगे किसानों की आवाज
इसी बीच जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है, जो आगामी 24 नवंबर तक प्रभावी रहेगी। विधायक प्रसन्न चौधरी ने आरोप लगाया कि प्रशासन भाजपा के दबाव में हैं। किसान सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है, लेकिन किसानों की आवाज दबने नहीं पाएगी। किसानों के उत्पीड़न पर राष्ट्रीय लोकदल चुप नहीं बैठेगा और जरूरत पड़ेगी तो आंदोलन भी किया जाएगा। इस दौरान अनवार चौधरी, वाजिद प्रमुख, सतबीर पंवार, तरसपाल मलिक, हरेंद्र वर्मा, मुकेश सैनी आदि उपस्थित रहे।
राज्यपाल के बयान के बाद बदली रणनीति
एक दिन पहले ही मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक का साक्षात्कार एक टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ। उन्होंने बयान दिया कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह उनके पास आए थे और शामली में किसान सम्मेलन के बारे में कहा था। तब मैंने किसान सम्मेलन में आने पर हामी भरी थी, लेकिन किसी भी राजनीतिक मंच को वह साझा नहीं करेंगे।
खूब वायरल हुआ बयान
उन्होंने यह भी कहा कि रालोद या अन्य किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे तथा न ही चुनाव लड़ेंगे, इसलिए रालोद में शामिल होकर राजनीतिक करने की बात कोरी अफवाह है। उनका यह बयान इंटरनेट मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ। बस यहीं से राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं को अपने पांव पीछे खींचने पड़ गए।