त्रेता के भाई विपत्ति और कलयुग के भाई बांटते हैं संपत्ति
संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा कि त्रेता के भाई विपत्ति बांटते हैं और कलयुग के भाई संपत्ति बांटते हैं।
शामली, जेएनएन। संत प्रवर विजय कौशल महाराज ने कहा कि त्रेता के भाई विपत्ति बांटते हैं और कलयुग के भाई संपत्ति बांटते हैं। भरत चित्रकूट जाते हैं और अपने बड़े भाई राम से अयोध्या वापस लगने की बात कहते हैं। राम ने पिता की आज्ञा का हवाला देते हुए भरत से कहा कि तुम मेरे सबंध हो और सच्चा भाई वही होता है जो भाई की विपत्ति को बांटता है। मैं 14 वर्ष के बाद लौट करके अवध आऊंगा। तब तक तुम मेरी चरण पादुकाओं को ले जाकर उन्हीं के सहारे राज्य का संचालन करो।
कैराना रोड स्थित एक फार्म हाउस में चल रही श्रीराम कथा में विजय कौशल महाराज ने भरत के चित्रकूट गमन, राम से उनके मिलन एवं अरण्यकांड के दौरान इंद्र के पुत्र जयंत की कथा का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि 12 वर्ष से अधिक काल तक निवास करने के बाद भगवान चित्रकूट छोड़ने का निर्णय लेते हैं। प्रभु अपनी पत्नी जानकी का स्वयं श्रृंगार करते हैं और तभी इंद्र का पुत्र जयंत कौवे के वेश में आता है। अपनी चोंच से जानकी के चरणों में प्रहार कर भाग जाता है। प्रभु राम जिन तिनकों से आभूषण बना रहे थे, उन्हीं को धनुष बाण बनाते हैं और बाण को जयंत के पीछे छोड़ देते हैं। इंद्रलोक, शिवलोक, ब्रह्मलोक में कोई भी उसे शरण देने वाला नहीं मिलता है। नारद से भेंट होती है तो वह बताते हैं कि प्रभु से क्षमा मांग लो। जयंत ²ष्टिहीन था और प्रभु से माफी मांगता है तो एक नेत्र में ²ष्टि प्रदान कर देते हैं। इस मौके पर कथा संयोजक एवं पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल, नगर पालिका अध्यक्षा अंजना बंसल, राजीव मलिक, अखिल बंसल, सारिका बंसल, पूर्व आइजी विजय गर्ग, प्रदीप पुंडीर, रोबिन गर्ग, महेश गोयल, मुकेश गोयल, अशोक बंसल, नरेंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।