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'नॉलेज हासिल करेंगे तो सफलता कदम चूमेगी'

मेरठ परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए लगातार मेहनत करने की जरूरत होती है। अगर ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 06:25 AM (IST)
'नॉलेज हासिल करेंगे तो सफलता कदम चूमेगी'
'नॉलेज हासिल करेंगे तो सफलता कदम चूमेगी'

मेरठ : परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने के लिए लगातार मेहनत करने की जरूरत होती है। अगर हम केवल सफल होने के विषय सोचते रहेंगे और कठिन परिश्रम नहीं करेंगे तो बात नहीं बनेगी। अपनी कमियों को दूर करते हुए अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे और नॉलेज हासिल करने के लिए पढ़ेंगे तो निश्चित तौर पर सफलता जरूर कदम चूमेगी और हमारा परिणाम भी उम्मीद से कहीं बेहतर होगा। यह कहना है कि सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) 12वीं की नेशनल टॉपर (सभी इंडिया में थर्ड टॉपर) अनन्या गोयल, दिव्या अग्रवाल और वंशिका भगत का। रविवार को दैनिक जागरण के 'प्रश्न पहर' में इन तीनों से छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने काफी सवाल पूछे। पेश हैं कुछ सवालों के जवाब..।

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अनन्या के जवाब -

- मेरा पोता आठवीं कक्षा में पढ़ता है, होशियार है, लेकिन ज्यादा देर पढ़ता नहीं है?

मास्टर धर्म सिंह- खेखड़ा

खेलने और पढ़ने का एक समय निर्धारित कर दें। जिस समय उसे पढ़ने की इच्छा हो, उस समय पढ़ने के लिए कहें। खेलने के समय पढ़ने के लिए न कहें। सुबह से मेडिटेशन कराकर भी उसका ध्यान पढ़ाई में लगा सकते हैं।

- इस बार 12वीं में हूं, साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई कर रहीं हूं, सेल्फ स्टडीज के साथ ट्यूशन में कैसे तालमेल बैठाऊं?

- कृति, मेरठ

मैं फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स तीनों सब्जेक्ट रोज पढ़ती थी। रविवार को ऑप्शनल सब्जेक्ट पढ़ती थी। ट्यूशन से आने के बाद थोड़ी देर ब्रेक लेकर फिर सेल्फ स्टडी करती थी। पीसीएम में एनसीईआरटी को फोकस करते हुए प्रैक्टिस की। फिर रिफ्रेशर कोर्स किया। ट्यूशन के बाद जो भी समय मिला, उसे पूरा सेल्फ स्टडी के लिए दिया।

-12वीं में हैं। 90 से ऊपर नंबर लाने के लिए क्या रणनीति बनाएं, कितने घंटे पढ़ना जरूरी है?

- पूजा- बागपत, नितिका गौतम- मेरठ, अनुज- बागपत अच्छे मॉ‌र्क्स के लिए केवल घंटे बढ़ाने के साथ- साथ विषय पर फोकस करते हुए पढ़ाई की। स्कूल की पढ़ाई के बाद पांच से छह घंटे नियमित सेल्फ स्टडी जरूरी है। मैं रात में 11 बजे के बाद नहीं पढ़ती थी, सुबह उठकर एनसीईआरटी, फिर रिफ्रेशर कोर्स करती थी।

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दिव्या अग्रवाल के जवाब --

आप नियमित किस तरह से और कितने घंटे पढ़ती थीं?

- तनु- बड़ौत, दीपक शर्मा- मेरठ। मैंने कभी भी घंटे के हिसाब से पढ़ाई नहीं की। जब भी मन किया पढ़ लिया। विषय पर फोकस करते हुए एकाग्रचित होकर पढ़ाई की। मानविकी में थ्योरी बहुत होती है। इसमें पूरी बुक पढ़नी पड़ती है। मैं टॉपिक को विजुअलाइज करके याद करती थी। परीक्षा के दौरान एक अलग रूम लेती थी। जहां पूरी तरह से शांति होती थी। पढ़ते समय मुख्य बिंदुओं को लिखकर हाइलाइट करती थी। फिर भी घंटों की बात करें तो परीक्षा के दौरान छह घंटे की पढ़ाई की। वह भी ब्रेक लेकर।

- 12वीं में अभी से तैयारी किस तरह से करें कि अच्छे नंबर हासिल कर सकें?

- रवि- मेरठ

मैंने नियमित पढ़ाई की। थ्योरी को पढ़ते हुए मुख्य बिंदुओं को हाइलाइट करती थी। नींद के साथ कोई समझौता नहीं किया, भरपूर नींद भी ली। मौजमस्ती भी की। आ‌र्ट्स में किसी ट्यूशन की जरूरत नहीं पड़ी। पिछले दस साल के अनशॉल्व पेपर करने से स्पीड की प्रैक्टिस हो गई। परीक्षा के लिए एनसीईआरटी की बुक अच्छी है, अगर एनसीईआरटी तैयार हो जाए तो दूसरी बुक भी पढ़ सकते हैं। तैयारी के दौरान जहां जरूरत होती थी, अपने शिक्षक से सलाह भी लेती थी।

-11वीं में मानविकी लिया है। कैसे पढ़ाई करें?

- शीतल- मेरठ

मैं मोटिवेशनल वीडियो देखती थी। आपने आ‌र्ट्स चुना है, यह अच्छी बात है। मेरा मानना है कि कला वर्ग के छात्रों की स्किल्स अच्छी होती है, उनके पास देश और समाज को लेकर नॉलेज अधिक होती है। मैं सुबह पढ़ती थी। बुक को पढ़ने के साथ उसके पैराग्राफ से खुद प्रश्न बनाकर उनका उत्तर तैयार करती थी।

- आप कैसे पढ़ीं कि टॉपर बन गई, टॉपर बनने के लिए कैसे तैयारी करें?

संगीता- मेरठ, विशेष- मेरठ

छोटे- छोटे स्टेप से आगे बढ़ा जा सकता है। एक बार में छलांग लगाकर हम सबसे ऊंची सीढ़ी पर नहीं चढ़ सकते। हार्ड वर्क जरूरी है। मैं देर रात तक नहीं पढ़ती थी। रिलैक्स होकर पढ़ाई की। पूरी नींद ली। कई बार कल पेपर था और रात में नींद आई तो सो गई। सुबह उठकर रिवाइज किया। स्मार्ट तरीके से एक विषय को पढ़ने के बाद रिवीजन किया। नियमित प्रैक्टिस से चीजें आसान होती गई। कभी भी टॉप करने के लिए मैं नहीं पढ़ती थी, बल्कि अपनी नॉलेज बढ़ाने के लिए पढ़ी। इसमें थ्री इडियट जैसी फिल्म ने भी प्रेरित किया। अगर आपको इंग्लिश में कठिनाई है तो एक-एक वर्ड को डिक्शनरी से देख सकते हैं।

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वंशिका के जवाब

- क्या अच्छे अंकों के लिए स्कूल की पढ़ाई के अलावा ट्यूशन जरूरी है? कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

विशाखा- खेकड़ा, प्रियांशी- छपरौली

पढ़ाई घंटों के हिसाब से करने की जगह अपनी क्षमता के अनुसार करनी चाहिए। जिसमें ब्रेक भी जरूरी है। मैंने कोई ट्यूशन नहीं लिया। पीसीएम में भी रेगुलर प्रैक्टिस और सेल्फ स्टडीज से 90 फीसद से ऊपर नंबर ला सकते हैं। मेरा मानना है कि ट्यूशन की जरूरत नहीं है। जहां कमी है अपने टीचर से मिलकर दूर कर सकते हैं।

- आप की तरह अंक लाने के लिए क्या करें, तरीका बताएं?

सलोनी- मेरठ

मैंने 11वीं में अपना स्ट्रीम बहुत सोच समझकर चुना था। पूरे साल नियमित पढ़ाई की। जो स्कूल में पढ़ाया जाता था, उसे घर पर रिवाइज करती थी। स्कूल में प्री बोर्ड, मॉक टेस्ट से अपनी कमियों को दूर किया। पढ़ाई के साथ मैंने अपने शौक को भी समय देती थी। इसलिए टॉपर बनने के लिए ऐसा नहीं है कि सब कुछ छोड़कर पढ़ने बैठ जाएं।

- 12वीं में क्या अपना नोट्स बनाकर पढ़ना ठीक होता है?

दिव्या- बड़ौत

एनसीईआरटी की बुक से नोट्स बनाएं। स्कूल में जो नोट्स बनाए जाते हैं, उनसे भी सेल्फ स्टडी करनी जरूरी है।

- घर पर कैसे पढ़ाई करें, दिमाग में कई चीजें आती रहती हैं?

टीना- सरधना

पढ़ाई के दौरान तनाव न लेते हुए शांतिपूर्वक पढ़ना चाहिए। आपका ध्यान लक्ष्य हासिल करने पर होना चाहिए, आपसे कौन क्या अपेक्षा रखता है उसे भूल जाइए। नियमित रूप से पूरे साल पढ़ें, सैंपल पेपर जरूर हल करें।

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टॉपर्स से जागरण के पांच सवाल:::

- आप समाज के लिए क्या करना चाहेंगे?

दिव्या -महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए एक एनजीओ बनाऊंगी।

वंशिका- एक प्रशासनिक अफसर बनकर नौकरशाही में भ्रष्टाचार मिटाऊंगी, गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए भी कुछ करने की इच्छा है।

अनन्या -जज बनकर गरीब बच्चों, ओल्ड एज होम, महिलाओं के लिए कुछ करना चाहूंगी।

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-पहले टॉपर्स के विषय में क्या सोचतीं थीं, और अब टॉपर बनने के बाद क्या कहेंगी?

दिव्या- पिछले साल मेरे स्कूल की अनन्या दीदी टॉपर बनीं थीं तो उनकी तस्वीर पूरे अखबारों में छपी। स्कूल में छपा तो लगा कि उन्होंने कैसे पढ़ाई की। क्या ऐसा कोई कर सकता है। वही प्रेरणा बनीं और टॉपर बनने के बाद लगता है कि हार्ड वर्क और भाग्य साथ है तो कोई भी टॉपर बन सकता है।

वंशिका- टॉपर्स के विषय में सोचकर रोमांच भर जाता था, लेकिन कभी लगा नहीं कि हम भी टॉपर बन सकते हैं। लेकिन अपने स्कूल की टॉपर के नोट्स, मैप को देखा कि टॉपर कैसे पढ़ते-लिखते हैं। वहीं से प्रेरणा मिली। आज लगता है कि टॉपर बनना बहुत मुश्किल नहीं है।

अनन्या - केवल कला वर्ग से टॉपर बनते थे, लेकिन पिछले साल मेरे स्कूल से साइंस में टॉपर बनने से मन में विश्वास जगा कि साइंस में टॉप कर सकते हैं। अब लगता है कि टॉपर अलग नहीं होते, हमारे बीच से ही निकलते हैं।

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- क्या महिलाओं को आप कमजोर मानती हैं, उन्हें और मजबूत कैसे बनाएं?

दिव्या- महिलाएं पुरुषों से मजबूत हैं। उन पर विश्वास करने की जरूरत है। एक लड़की को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए समय मिलना चाहिए। 21 के बाद शादी कराने की जगह उसे 30 साल तक मौका देना चाहिए।

वंशिका -शारीरिक रूप से पुरुष महिलाओं से मजबूत होते हैं, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन सामाजिक क्षेत्रों में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं। परिवार में उन पर भरोसा हो तो और भी आगे बढ़ेगीं।

अनन्या- महिलाओं का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। शिक्षा इसमें अहम भूमिका निभाएगी। 26 के बाद लड़कियों की शादी के बाद हाउस वाइफ के तौर पर देखा जाता है। जबकि उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनका सपोर्ट करना चाहिए।

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- आप उच्च शिक्षा के लिए किस यूनिवर्सिटी या संस्थान में जाना चाहती हैं?

दिव्या- दिल्ली यूनिवर्सिटी नार्थ कैंपस के कॉलेज से बीबीए करना चाहती हूं, फिर बिजनेस वुमैन या मल्टीनेशनल कंपनी में जाने की इच्छा है। दूसरा विकल्प सिविल सेवा का है।

अनन्या- क्लैट के माध्यम से विधि कोर्स करना है। अगर क्लैट से अच्छा कॉलेज नहीं मिला तो सेंट स्टीफेंस कॉलेज नई दिल्ली से लॉ करूंगी।

वंशिका- दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से बीए राजनीति विज्ञान ऑनर्स में प्रवेश लेना चाहूंगी। -----------

परीक्षा में तनाव भगाने के लिए क्या करती थीं?

दिव्या- श्रीमद्भागवत गीता से 'कर्म करते रहो फल की चिंता मत करो' व दंगल फिल्म के टाइटल सांग सुनकर तनाव भगाती थी।

वंशिका- मम्मी- पापा और सभी टीचरों को मुझ पर भरोसा था इसलिए खुद पर भरोसा बना रहा।

अनन्या- छोटी बहन से बात करती थी। वह सुनती रहती थी। तनाव दूर हो जाता था।


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