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नहीं हुआ था प्रभात का अपहरण, बनाई थी झूठी कहानी

जासं, बागपत: ककड़ीपुर गांव निवासी बीए के छात्र प्रभात का फिरौती के लिए अपहरण नहीं हुआ

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 10:06 PM (IST)
नहीं हुआ था प्रभात का अपहरण, बनाई थी झूठी कहानी
नहीं हुआ था प्रभात का अपहरण, बनाई थी झूठी कहानी

जासं, बागपत: ककड़ीपुर गांव निवासी बीए के छात्र प्रभात का फिरौती के लिए अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी गई थी। पुलिस ने अपहृत छात्र समेत तीनों युवकों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया।

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एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने प्रेसवार्ता में बताया कि शुक्रवार सुबह अपहृत छात्र प्रभात उर्फ मोनू पुत्र रामधन के अलावा शिवम पुत्र हरिराज निवासीगण ककड़ीपुर व भूरा पंवार पुत्र राजू निवासी एलम (शामली) को गिरफ्तार किया। आरोपितों ने बताया कि तीनों आपस में दोस्त हैं। भूरा ने बताया कि प्रभात व शिवम बुधवार शाम उसके नलकूप पर आए थे। वहां तीनों ने शराब पी और प्रभात के अपहरण का षड्यंत्र रचा। 15 लाख रुपये फिरौती लेने के लिए प्रभात ने खुद चिट्ठी लिखी, जिसे शिवम ने उसके घर पहुंचाया।

पत्र में लिखा था कि-बेटा प्यारा है या 15 लाख रुपये? गुरुवार रात श्मशान घाट के पास रकम पहुंचाने की बात कही। शिवम खुद ही प्रभात का मोबाइल फोन श्मशान घाट के पास फेंक आया था। एसपी का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ फिरौती के लिए अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने की कार्रवाई की गई। छात्र बोला, पिटाई के डर से किया अपहरण का नाटक

छात्र प्रभात का कहना है कि नलकूप पर ज्यादा शराब पीने के बाद नशा हो गया था। जब होश आया तो काफी देर हो चुकी थी। उसे डर था कि घर पहुंचने पर पिटाई होगी, इसीलिए अपहरण की झूठी कहानी बना दी। पुलिस के मुताबिक, चार माह पूर्व भी प्रभात अपनी कार ठीक कराने के लिए 35 हजार रुपये लेकर बड़ौत आया था। इस दौरान प्रभात, शिवम व एक अन्य युवक ने शराब पी। दोनों प्रभात को खेत में बेहोश छोड़कर चले गए थे। फंसने के डर से वे बाद में प्रभात को वहां से साथ लेकर गए। परिजनों ने इसकी शिकायत नहीं की थी। ये है मामला

बुधवार शाम प्रभात घर से गांव में ही जिम पर गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। गुरुवार दोपहर करीब दो बजे घर पर एक चिट्ठी मिली, जिसमें 15 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। पिता रामधन ने रमाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस नहीं खुलवा पाई थी शिवम की जुबान

पुलिस ने मकान से मिले रजिस्टर की लिखावट से चिट्ठी की हैंड राइ¨टग का मिलान किया तो समान लिखाई मिली। संदेह के आधार पर पुलिस ने शिवम से घंटों पूछताछ की, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। सेना भर्ती की तैयारी कर रहा था शुभम

प्रभात बीए द्वितीय वर्ष (व्यक्तिगत) का छात्र है। उसका साथी शुभम 12वीं पास है, जो सेना भर्ती की तैयारी कर रहा है। भूरा 12वीं पास करने के बाद खेती करता है।


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