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डरा रही बारूद की गंध, पेड़ों पर लटके मांस के लोथड़े

कांधला-शामली रोड पर पटाखा फैक्ट्री में दूसरे दिन शनिवार को भी धुआं उठता रहा। फैक्ट्री के आसपास अभी भी बारूद की गंध लोगों को डरा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 06:05 AM (IST)
डरा रही बारूद की गंध, पेड़ों पर लटके मांस के लोथड़े
डरा रही बारूद की गंध, पेड़ों पर लटके मांस के लोथड़े

लोकेश पंडित, शामली: कांधला-शामली रोड पर पटाखा फैक्ट्री में दूसरे दिन शनिवार को भी धुआं उठता रहा। फैक्ट्री के आसपास अभी भी बारूद की गंध लोगों को डरा रही है। पांच लोगों को निगलने वाली पटाखा फैक्ट्री देखने वालों का तांता लगा रहा। फैक्ट्री के आसपास बिखरे मलबे में अभी भी बने-अधबने पटाखे बिखरे दिखे। पेड़ों पर लटके टीन के अलावा मांस के लोथड़े जिसने भी देखे वह सिहर गया। पेड़ों पर शरीर के अवशेष देखकर लोग कहते दिखे, उफ. ऐसी मौत किसी का न मिले। घटनास्थल पर जले-अधजले सामान को लोग इधर-उधर करते रहे। इस दौरान उन्हें न तो कोई रोकने वाला था, न ही टोकने वाला।

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पटाखा फैक्ट्री में धमाके के दौरान भारी मात्रा में बारूद मौजूद था, इसकी तस्दीक हो चुकी है। फैक्ट्री के मलबे में जो सामान पड़ा दिखा वह अधिकारियों की लापरवाही की कहानी खुद बयां कर रहा है। फैक्ट्री में दो गैस सिलेंडर मौके पर मौजूद दिखे। इनमें फिलहाल भी गैस है। एक सिलेंडर धमाके के बाद बीच से पिचक गया है। गैस भरा यह सिलेंडर अब भी फट सकता है। दूसरा सिलेंडर भी वहां मौजूद था। धमाके के बाद यह दो गैस सिलेंडर कमजोर हुए हैं। ऐसे में अब उनसे छेड़छाड़ खतरनाक है। फिर भी इसे हटाने की जरूरत किसी ने नहीं समझी है। लोग पूरे दिन इन्हें इधर-उधर सिलेंडरों को लुढकाते दिखाई दिए। फैक्ट्री में एक छोटा सिलेंडर बुरी तरह फटी हालत में पड़ा दिखा। फैक्ट्री के पास पड़े मलबे में कई ऐसे ड्रम भी दिखाई दिए, जिनमें कोई चमकदार वस्तु थी। धमाके में यह ड्रम बुरी तरह फट गए थे। यह चमकदार चीज के किसी तरह का बारूद होने की संभावना है।

शुक्रवार रात धमाके के बाद पुलिस-प्रशासन जितना सक्रिय दिखा, शनिवार को उतना ही लापरवाह दिखा। धमाके का कारण जानने को न तो यहां कोई टीम आई, न ही थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल की। पूरे दिन लोगों का हुजूम अपने तरीके से यहां विवेचनाधिकारी बन धमाके का कारण जानने का प्रयास करता दिखा। इस दौरान लोगों ने पेड़ों पर लटके आधा दर्जन से ज्यादा मानव अंग भी एक-दूसरे को दिखाए। इन मानव अंगों को हटाने और बिखरे पड़े सामान की सुरक्षा का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया। फैक्ट्री में धमाके के बाद जिस तरह गैस सिलेंडर, बने-अधबने पटाखे पड़े हैं, वह दबाव में फिर नयी घटना का कारण बन सकते हैं। पटाखा फैक्ट्री का हजारों का सामान लावारिस हालत में है। ऐसे में धमाके का कारण बताने वाले सामान के गायब होने की संभावना है।

धमाके के बाद फैक्ट्री का काफी हिस्सा उड़ गया है। इसके बाद शवों को तलाशने आई जेसीबी ने दीवारों को गिरा दिया, ताकि दबे शवों को तलाशा जा सके। इस कवायद में पूरी फैक्ट्री जमींदोज हो गई। फैक्ट्री का सारा सामान खेत व इधर-उधर बिखरा पड़ा है। इन्होंने कहा..

पटाखा फैक्ट्री के पास ऐसी स्थिति है तो गलत है। इस बारे में संबंधित थाना और सीएफओ को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। घटनास्थल पर किसी को नहीं जाने दिया जाएगा। जांच कर ऐसा सामान हटाया जाएगा।

विनीत जायसवाल, एसपी।


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