भावी पीढि़यों को जल संकट से बचाने को करें संरक्षण
पूर्व मंत्री एवं एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अपनी भावी पीढि़यों को जल संकट से बचाने के लिए जल संरक्षण व संचयन करना चाहिए।
शामली, जेएनएन। पूर्व मंत्री एवं एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अपनी भावी पीढि़यों को जल संकट से बचाने के लिए जल संरक्षण व संचयन करना चाहिए। इसके लिए रेन हार्वेस्टिग सिस्टम को अपनाने के साथ ही किसान खेतों में पूर्व की तरह छोटी-छोटी क्यारियां बनाकर सिचाई का कार्य करें, ताकि जल को बचाया जा सके। उन्होंने किसानों से जल बचाने के लिए पूरी शिद्दत से काम करने का आह्वान किया।
मंगलवार को सिटी ग्रीन में जिला विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेला, गोष्ठी व प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना और जल संसाधनों की कमी तथा भारत में हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान जल संरक्षण एवं संचयन का कार्य करें, ताकि जल बचाकर भविष्य में आने वाले संकट से बचा जा सके। डीएम अखिलेश सिंह ने कहा कि जल संकट गहराता जा रहा है, इसलिए अब देरी के बजाय तेजी के साथ जल संचयन व संरक्षण करने की आवश्यकता है। यदि अभी भी अनदेखी की गई तो भविष्य में जल संकट से बचा नहीं जा सकेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने ट्रेंच विधि व ड्रिप इरिगेशन विधि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रेच विधि में 40 फीसद, जबकि ड्रिप इरिगेशन में 90 फीसद जल बचाया जा सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. सतीश कुमार ने सभी किसानों को शपथ दिलाई की, वे जल संचयन व संरक्षण के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष देवी एवं संचालन डा. विकास मलिक ने किया। इस मौके पर 13 प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शंभूनाथ, पीडी ज्ञानेश्वर तिवारी, उप निदेशक कृषि डा. शिव कुमार केसरी, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन तरार आदि मौजूद रहे।