इफ्तारी में लग रहे चार चांद, जलेबी से लेकर बन रहा मालपुआ
लॉकडाउन में इस बार खुदा की इबादत का माह रमजान है। नमाज इबादत और दुआ सब घर के भीतर हो रही है।
शामली, जेएनएन। लॉकडाउन में इस बार खुदा की इबादत का माह रमजान है। नमाज, इबादत और दुआ सब घर के भीतर हो रही है। भले ही होटल-रेस्तरां बंद हों, लेकिन इसके बाद भी इफ्तारी में चार चांद लग रहे हैं। हर दिन की इफ्तारी को खास बनाने के लिए महिलाएं दोपहर से ही रसोई की कमान संभाल लेती हैं।
रमजान वैसे तो सब्र, संयम और इबादत का माह होता है, लेकिन इसमें खानपान को लेकर भी लोगों में उत्साह बना रहता है। इफ्तार के वक्त मुस्लिम इलाकों खान-पान की दुकानें पर रौनक रहती थी। भीड़ लगी रहती थी, लेकिन लॉकडाउन में सब बंद है। सीरमाल रोटी, फैनी भी नहीं मिल रही है। इसके बाद भी इफ्तारी की रौनक कम नहीं है। महिलाएं एक से एक डिश बना रही हैं। शाहिदा मंसूरी ने सोमवार को मीठे में जलेबी और मीठी चावल बनाए। इसके अलावा छोले, पनीर की सब्जी, दाल और पाइन अप्पल रायता बनाकर दस्तरखान सजाया। उन्होंने बताया कि जलेबी बच्चों की मांग पर बनाई है। पहली बार प्रयास किया और अच्छी बन गई। रिहाना ने बताया कि उन्होंने शाही टोस्ट, फ्रूट सलाद, हलवा, दाल, पुलाव, चने की सब्जी बनाई। दोपहर में तीन बजे से ही वह रसोई में काम करने के लिए लग जाती हैं। परिवार के सदस्य भी सहयोग कर रहे हैं। बच्चे बिरयानी के लिए कह रहे थे, लेकिन वह नहीं बन सकी। हालांकि वेज बिरयानी वह बना चुकी हैं। कैराना निवासी हुमा ने बताया कि उन्होंने मीठे में मालपुआ बनाया। इसके अलावा भरवा करेले, दाल और छोले की सब्जी बनाई।