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प्रभारी मंत्री के सामने मरीजों ने खोल दी पोल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री अजीत सिंह पाल के सामने मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल दी। कई मरीजों ने बाहरी मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवा लिखने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 10:23 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 10:23 PM (IST)
प्रभारी मंत्री के सामने मरीजों ने खोल दी पोल
प्रभारी मंत्री के सामने मरीजों ने खोल दी पोल

शामली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री अजीत सिंह पाल के सामने मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल दी। कई मरीजों ने बाहरी मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली दवा लिखने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी मंत्री को बताई। प्रभारी मंत्री ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अव्यवस्थाओं पर पर्दा डालने का प्रयास तो खूब किया, लेकिन पर्दे के पीछे की बदहाल तस्वीर सामने आ ही गई।

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शामली क्षेत्र के गांव बड़ा भौराकलां निवासी सुधा को डॉक्टर ने दो पर्चियां दी थीं। ओपीडी की पर्ची पर अस्पताल से मिलने वाली दवा लिखी थी और जो दवा बाहर से मिलनी थी, उसके लिए अलग से पीली पर्ची दी गई थी। सुधा ने मंत्री से कहा कि 'हमें एक बात बताओ कि सरकार तो कहती है कि सारी दवा फ्री मिलेगी तो फिर डाक्टर बाहर की दवा क्यों लिखते हैं। एलर्जी तक की दवा नहीं मिली। एक दिन पहले खेत में काम करने वाले मजदूर को भी खांसी-बुखार की दवा बाहर से लिख दी थी'। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी महिला की बात को टालने का प्रयास करते रहे और कहने लगे कि जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवा लिखते हैं। इसके बाद महिला ने ये भी बताया कि 'प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर भी दवा नहीं मिलती है। वो कहते हैं कि डाक्टर दवा के बजाय कंपनी का नाम लिख देते हैं'। तभी कंडेला से आई महिला उर्मिला कहा कि आंख दिखाने आई थीं। उन्हें भी काफी बाहर की दवा लिख दी है। शामली के मोहल्ला सरवरपीर निवासी इशरत का कहना था कि बेटा जिसान दिव्यांग है और बुखार से पीड़ित है। सोमवार को सीएचसी से मुजफ्फरनगर रेफर किया था, लेकिन वहां उपचार व जांच आदि नहीं की गई।

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'मंत्रीजी हाथ टूटा है और प्लास्टर नहीं किया'

बनत निवासी किरनपाल ने मंत्री से कहा यहां का बुरा हाल है। 15 दिन पहले हाथ में चोट गई थी और तब से कच्चा प्लास्टर था। सोमवार को कच्चा प्लास्टर तो काट दिया और कहा कि पक्का प्लास्टर कराने कल आना है। वह मंगलवार को सुबह नौ बजे आ गए और कहा कि डेढ़ बजे प्लास्टर होगा। इसके बाद एक्सरे कराने को कहा गया।

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एक्सरे को लगती है कतार

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय भटनागर प्रभारी मंत्री को बता रहे थे कि अब एक्सरे की आधुनिक मशीन अस्पताल को मिल गई है। यहां पर रेडियोलॉजिस्ट नहीं है तो एक्सरे फिल्म को ऑनलाइन पूना की एक लैब को भेजा जाता है। वहां से रेडियोलॉजिस्ट रिपोर्ट तैयार कर भेजते हैं। तभी मरीजों ने कहा कि एक्सरे कक्ष में एक ही कर्मचारी है। वही सभी काम करता है और इसके चलते एक्सरे में काफी वक्त लग जाता है। एक्सरे के लिए लंबी लाइन लगती है।

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आम दिनों में क्या होती होगी स्थिति

प्रभारी मंत्री के अस्पताल में होने के बावजूद तक जब डॉक्टर बाहरी मेडिकल स्टोरों पर मिलने वाली महंगी ब्रांडेड दवा लिखने से नहीं चूके तो आम दिनों में क्या स्थिति रहती होगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय भटनागर चिकित्सा अधीक्षक को कई बार कह चुके हैं कि ओपीडी पर्ची से अलग किसी पर्ची पर दवा न लिखी जाएं।

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इन्होंने कहा

साफ-सफाई ठीक मिली। इमरजेंसी, जच्चा-बच्चा वार्ड, एक्सरे रूम आदि का निरीक्षण किया गया। कुछ मरीजों ने समस्याएं बताई हैं। उनके बारे में संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर समाधान कराया जाएगा।

-अजीत सिंह पाल, प्रभारी मंत्री, शामली


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