पारुल ने रचा इतिहास, पीसीएस में 36वीं रैंक
जागरण संवाददाता शामली कहते है प्रतिभा हो तो सारी बाधाएं छोटी पड़ जाती है। बड़े संस्थान
जागरण संवाददाता, शामली : कहते है प्रतिभा हो तो सारी बाधाएं छोटी पड़ जाती है। बड़े संस्थानों में सफलता के लिए को¨चग लेना गारंटी नहीं है। ऐसे ही मिथक को तोड़ा है पारूल तरार ने। शामली के गांव सिलावर के एक किसान परिवार की बेटी ने जिले का नाम रोशन किया है। पारूल ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा में 36वीं रैंक पाकर अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया है। यह सफलता इसलिए भी अहम है कि उसने बिना किसी को¨चग के सरकारी सेवा में रहते हुए परिवार की जिम्मेदारियां संभालते हुए यह मुकाम हासिल किया है। शनिवार को जैसे ही पारूल के पीसीएस में सफलता की सूचना गांव पहुंची, पूरे गांव व परिवार ने खुशियां मनाई।
गांव सिलावर निवासी सतपाल ¨सह के बड़े बेटे प्रमोद तरार की बेटी पारूल तरार है। प्रमोद तरार आइबी में इंस्पेक्टर है। पारूल की शिक्षा ¨हडन एयरबेस स्थित केन्द्रीय विद्यालय में हुई। वर्ष 2011 में भी पारूल ने यूपीएससी की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्हें असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी में तैनाती मिली। वह फिलहाल नोएडा में तैनात है। पारूल ने वर्ष 2009 में शादी के बाद यह सफलता हासिल की। पारूल तरार ने इंद्रप्रस्थ इंजीनिय¨रग कॉलेज से बीटेक किया। इसके बाद पारूल खुफिया एजेंसी रॉ में टैक्निकल अफसर और बाद में ¨हदुस्तान कॉपर लिमिटेड झारखंड में प्रबंधक के रूप में भी तैनात रही। सेल टैक्स में सर्विस के बाद भी पारूल ने प्रशासनिक सेवा में जाने का अपना जुनून बरकरार रखा। पारूल के पति मनीष चौधरी बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्रबंधक है। वह गाजियाबाद की वैशाली कॉलोनी के सेक्टर-नौ में रहती है। जीएसटी विभाग में तैनाती व परिवार की जिम्मेदारियां संभालते हुए पारूल ने बिना को¨चग के उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की तैयारी की। 36वीं रैंक आने पर पारूल तरार बेहद खुश है। वह इस सफलता का श्रेय अपने पति मनीष के सहयोग व पिता प्रमोद तरार के मार्गदर्शन को देती है। शुक्रवार को जैसे ही पारूल की सफलता की सूचना गांव सिलावर पहुंची, गांव में खुशी का माहौल बन गया। परिजनों संग ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर खुशियां मनायी।