अब प्रदेश सरकार के बजट में राहत पैकेज की आस
केंद्र सरकार के बजट से व्यापारियों को निराशा हाथ लगी थी। अब प्रदेश सरकार से भी व्यापारियों की राहत पैकेज देने की मांग है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना काल में कारोबार बेहद प्रभावित हुआ है लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई।
शामली, जेएनएन। केंद्र सरकार के बजट से व्यापारियों को निराशा हाथ लगी थी। अब प्रदेश सरकार से भी व्यापारियों की राहत पैकेज देने की मांग है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना काल में कारोबार बेहद प्रभावित हुआ है, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले आंदोलन भी किया जा रहा है।
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विधायकों को ज्ञापन देकर मांग की गई थी कि व्यापारियों के लिए आर्थिक राहत पैकेज मिले। हमारी आठ सूत्रीय मांग हैं। अप्रैल से जून तक का बिजली बिल, बैंक ऋण की किस्त एवं ब्याज माफ होना चाहिए। केंद्र सरकार के बजट से काफी निराशा हुई थी।
-घनश्याम दास, प्रदेश अध्यक्ष, पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल लाकडाउन में व्यापारियों के कारोबार ठप रहा। अभी भी पूरी तरह पटरी पर नहीं आ सका है। सरकार को व्यापारियों की मदद करनी चाहिए। बजट में राहत पैकेज का ऐलान होने की उम्मीद हम सभी कर रहे हैं। बिजली की दरें भी कम होनी चाहिएं।
-नीरज तायल, व्यापारी
केंद्र सरकार कें बजट में व्यापारियों के कुछ नहीं था। राज्य सरकार को व्यापारियों का ध्यान रखना चाहिए। 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यापारियों को पेंशन मिलनी चाहिए। साथ ही स्टाक का बीमा सरकार को कराना चाहिए। आस है कि बजट से निराश नहीं होना पड़ेगा।
-मनोज मित्तल, व्यापारी प्रदेश के बजट में व्यापारियों का ध्यान रखना चाहिए। लाकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहत पैकेज की आस है। सरकार को व्यापारियों को निराश नहीं करना चाहिए। बिजली बिल, बैंक ऋण आदि में राहत देनी चाहिए।
-विशाल संगल, व्यापारी