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सूखा रजवाहा सुखा रहा जमीनों का हलक

संवाद सूत्र बनत कस्बा स्थित रजवाहे का पानी किसानों की भूमि को सींचने के लिए दम तोड़ चुका ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 10:27 PM (IST)
सूखा रजवाहा सुखा रहा जमीनों का हलक
सूखा रजवाहा सुखा रहा जमीनों का हलक

संवाद सूत्र, बनत : कस्बा स्थित रजवाहे का पानी किसानों की भूमि को सींचने के लिए दम तोड़ चुका है। कई वर्षो से रजवाहे में पानी की एक बूंद तक नहीं आई है। कई गांवों को जोड़ने वाला रजवाहा के समीप की भूमि केवल नलकूपों के माध्यम से ही सींची जा रही है। इस रजवाहे की तरफ न तो कृषि विभाग का ध्यान है और न ही समीप में कलक्ट्रेट में बैठे उच्च अधिकारियों का।

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कस्बा बनत निवासी किसान अशोक का कहना है कि यह रजवाहा किसानों की सिचाई की परेशानी को खत्म करने के लिए कई वर्षो पहले बनाया गया था। लाखों रुपये की लागत से तैयार यह रजवाहा बनत, कुड़ाना, आदर्श मंडी क्षेत्र के कई गांव के किसानों की जमीनों से जुड़ा हुआ है। मगर आज तक किसान इस रजवाहे के पानी का लाभ नही उठा पाए है। केवल बरसात के समय में यह रजवाहा बारिश के पानी से भर जाता है। इसके बाद फिर से यह पानी के लिए तरस जाता है। इसके संबंध में कई बार कृषि अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया गया। मगर आज तक अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नही दिया।

किसान गजेंद्र का कहना है कि आज के समय में नलकूपों का बोरिग बनत कस्बे के आसपास 190 फुट से नीचे जा चुका है। आज के समय में 210 फुट नलकूपों का बोरिग हो रहा है। जिससे किसानों को खेतों की सिचाई के लिए लाखों रुपये का खर्च करना पड़ रहा है। कई वर्षों से इस रजवाहे में पानी न छोड़े जाने से किसान मायूस है।

किसान ललित कुमार का कहना है कि लाखों रुपये की कीमत से तैयार इस रजवाहे की अधिकारियों को अवगत कराने पर इसकी खरपतवार की सफाई करायी गई। ताकि इसमें जल्द से जल्द पानी आ सके। आज भी यह रजवाहा पानी के लिए तरस रहा है।


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