कोरोना से ज्यादा खतरनाक है यातायात नियमों में लापरवाही
शामली जेएनएन यातायात नियमों में लापरवाही करना कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि कोरोना होने पर कुछ दिन उपचार के बाद व्यक्ति सामान्यत ठीक हो जाता है लेकिन यातायात नियमों का पालन न करने पर हमें भारी खामियाजा भुगतना पड़ता है। भगवान न करें यदि किसी की हादसे में मौत या गंभीर घायल होने पर परिवार तबाह हो जाता है।
शामली, जेएनएन : यातायात नियमों में लापरवाही करना कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि कोरोना होने पर कुछ दिन उपचार के बाद व्यक्ति सामान्यत: ठीक हो जाता है, लेकिन यातायात नियमों का पालन न करने पर हमें भारी खामियाजा भुगतना पड़ता है। भगवान न करें यदि किसी की हादसे में मौत या गंभीर घायल होने पर परिवार तबाह हो जाता है। उक्त विचार आरटीओ सहारनपुर मंडल राधेश्याम ने शुक्रवार को सड़क सुरक्षा माह के तहत आयोजित चालक प्रशिक्षण सत्र में व्यक्त किए।
एआरटीओ प्रशासन शामली मुंशीलाल ने दुपहिया वाहन पर हेलमेट लगाकर चलना हमारी तौहीन नहीं, बल्कि शान है। हेलमेट चालान कटने के डर से नहीं, बल्कि खुद की सुरक्षा के लिहाज से लगाना चाहिए। सीट बेल्ट लगाना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग न करना, नशे की हालत में वाहन न चलाना हमारी आदत में शुमार होना चाहिए। हाईवे या मुख्य मार्गों पर गांव या कस्बों से मिलने वाले रास्तों पर बहुत सावधानी के साथ चलना चाहिए। बाइक और अन्य वाहनों की गति बहुत संतुलित रखनी चाहिए। रात को घुमावदार मोड़ पर बहुत सावधानीपूर्वक चलना चाहिए। अपने बच्चों को 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद ही वाहन दिलाएं। ऐसा नहीं होने पर अभिभावकों पर भी मुकदमा हो सकता है।
क्योंकि चालान के बाद वाहन तो मिल सकत है, लेकिन जान जाने के बाद नहीं मिल सकती है। शामली डिपो के एआरएम मनोज वाजपेयी ने कहा कि वाहन चालक समय-समय पर अपनी सेहत और आंखों की जांच कराते रहें। आंखों में परेशानी होने पर तुरंत इलाज कराएं और इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को भी दें। निर्धारित संख्या से ज्यादा सवारियां रोडवेज बस में न बैठाएं। कार्यक्रम के आखिर में लाइसेंस बनवाने आए आवेदकों और अन्य लोगों को यातायात नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई गई।
18 जनवरी से 17 फरवरी तक चलेगा सड़क सुरक्षा माह
सड़क सुरक्षा माह 18 जनवरी से 17 फरवरी तक चलाया जाएगा। एक महीने की अवधि के दौरान विभिन्न प्रकार से जागरूकता कार्यक्रम होंगे। इसमें स्कूल-कालेज, अस्पताल, एंबुलेंस चालक, सरकारी वाहन चालक, टोल प्लाजा, व्यवसायिक वाहन चालकों को जागरूक किया जाएगा। इस कार्यक्रम की सफलता की समीक्षा माह के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं करेंगे।