Move to Jagran APP

अवैध कालोनी में दोबारा पोत दिए एमडीए का लिखे नोटिस

योगीराज में गिरोहबंद अपराधी भले ही सलाखों के पीछे हों लेकिन आर्थिक अपराधी खुलकर खेल रहे हैं। आलम ये है कि 22 फरवरी को अवैध कालोनियों पर बुल्डोजर चलवाया था। अवैध कालोनियों की नींव खुर्द-बुर्द करने के बाद एमडीए ने कुछ स्थानों पर अवैध निर्माण का नोटिस चस्पा कराया था। अवैध कालोनी काटने वालों ने एमडीए के नोटिस पर सफेद रंग से पोत दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 11:48 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 11:48 PM (IST)
अवैध कालोनी में दोबारा पोत दिए एमडीए का लिखे नोटिस
अवैध कालोनी में दोबारा पोत दिए एमडीए का लिखे नोटिस

जेएनएन, शामली। योगीराज में गिरोहबंद अपराधी भले ही सलाखों के पीछे हों, लेकिन आर्थिक अपराधी खुलकर खेल रहे हैं। आलम ये है कि 22 फरवरी को अवैध कालोनियों पर बुल्डोजर चलवाया था। अवैध कालोनियों की नींव खुर्द-बुर्द करने के बाद एमडीए ने कुछ स्थानों पर अवैध निर्माण का नोटिस चस्पा कराया था। अवैध कालोनी काटने वालों ने एमडीए के नोटिस पर सफेद रंग से पोत दिया है।

loksabha election banner

झिझाना रोड पर नहर से ठीक पहले 22 फरवरी को एमडीए ने एक अवैध कालोनी की कुछ नीवों को खुर्द-बुर्द कर दिया था। यहां बने एक पक्के निर्माण की दीवार पर (यह निर्माण अवैध है) लिख दिया था। अब अवैध कालोनाइजरों ने एमडीए के नोटिस को सफेद रंग से पोत दिया है। अवैध कालोनी यानी धन लगाकर कानूनी पचड़ों में पड़ना

अवैध कालोनियों में घर या प्लाट खरीदने का मतलब है कि खून-पसीने की कमाई रिस्क में डाल देना। क्योंकि अवैध कालोनी काटने वाले एक बार धनराशि लेकर चले जाते हैं। इसके बाद एमडीए के कानूनी पचड़ों से प्लाट या मकान खरीदने वाले लोगों को खुद निपटना पड़ता है। एमडीए के दो जेई शामली कार्यलय में बैठते हैं। अधिकारी अक्सर लोगों को अवैध कालोनियों में प्लाट या घर नहीं लेने की बात करते हैं, लेकिन बिना एमडीए की शह के पूरे शहर में अवैध कालोनियों का जाल बिछ जाना मुमकिन नहीं। अवैध कालोनियां वन विभाग के कार्यालय के पास से शुरू होकर नहर किनारे-किनारे बसती जा रही हैं। झिझाना रोड पर तो अवैध कालोनियों की भरमार हो चली है। सरकार को सौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व नुकसान

एमडीए के नियमानुसार शामली में 1700 रुपये प्रतिवर्ग मीटर देय होता है। शामली में फैले अवैध कालोनियों के जाल के हिसाब से यह राशि सौ करोड़ से ऊपर बैठती है। सरकार को सौ करोड़ से ज्यादा रुपये के राजस्व का सीधा नुकसान झेलना पड़ रहा है। यह इतनी बड़ी धनराशि है कि एमडीए इससे खुद की कालोनियां बसाकर लोगों को आवास मुहैया करा सकता है। इन्होंने कहा..

अगर अवैध निर्माण का नोटिस पोता गया है तो एमडीए की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह दंडनीय अपराध है। लोग अवैध कालोनियों में प्लाट या मकान न खरीदें। इससे वे कानूनी प्रक्रिया में उलझ सकते हैं।

महेंद्र प्रसाद सिंह, एमडीए सचिव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.