संपूर्ण जीवन दर्शन है आनंद मार्ग : गुणीन्द्रानंद
जागरण संवाददाता, शामली : आनंद मार्ग प्रचारक संघ के मुख्य प्रशिक्षक आचार्य गुणीन्द्रानंद अवधूत ने
जागरण संवाददाता, शामली : आनंद मार्ग प्रचारक संघ के मुख्य प्रशिक्षक आचार्य गुणीन्द्रानंद अवधूत ने कहा है कि आनंद मार्ग संपूर्ण जीवन दर्शन है। समाज में रहकर समाज को दिशा देना भी साधना के समान है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन में यम-नियम से समाधि तक योग निष्ठा होनी चाहिए।
शुक्रवार को शहर के रेलवे रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में तीन दिवसीय आनंद मार्ग के अध्यात्मिक तथा सामाजिक दर्शन पर सेमिनार का शुभारंभ किया गया।
मुख्य प्रशिक्षक आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत ने कहा कि आनंद मार्ग एक संपूर्ण जीवन दर्शन है। इसका प्रवर्तन सदगुरु श्रीश्री आनंदमूर्ति ने बिहार के मुंगेर जिले के जमालपुर शहर में 1955 में किया था। आनंदमार्ग एक आदर्श हैं, जो प्रत्येक मनुष्य के के लिए अनुकरणयीय है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत जीवन में योग साधना, कीर्तन और भक्ति के द्वारा परमब्रह्मा की अनुभूति करना है। उन्होंने बताया कि इन तीन दिनों के दौरान आनंद मार्ग के दर्शन पर आधारित तीन विषयों यथा, वृहत का आह्वान, प्रज्ञा-सम्पद और प्रर्कत दर्शन के आधार पर कतिपर्य सामाजिक अर्थनैतिक योजनाएं आदि के ऊपर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा शिविर के दौरान प्रात:काल में योगा अभ्यास, प्रभात फेरी, अखंड कीर्तन, सत्संग, कौशिकी व तांडव नृत्य का प्रशिक्षण शाकाहार के महत्व पर चर्चा और स्मृति बढ़ाने के उपायों पर विशेष बल दिया जाएगा। इस अवसर पर प्रशिक्षक आचार्य संजीवानंद अवधूत, डा. अजय शर्मा आदि मौजूद रहे।