बाजारों में खूब हुई धनवर्षा, हुआ करोड़ों का कारोबार
जागरण संवाददाता, शामली : धनतेरस के साथ सोमवार को पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ हो गया। ख
जागरण संवाददाता, शामली : धनतेरस के साथ सोमवार को पांच दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ हो गया। खरीदारी के लिए शुभ माने जाने वाले धनतेरस पर्व के मौके पर शामली शहर समेत सभी कस्बों के बाजार गुलजार नजर आए और सुबह से लेकर देररात तक जमकर धनवर्षा हुई। सुबह से ही खरीदारी के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों पर जुटी भीड़ दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ती गई। बाजारों में देर रात तक बड़ी संख्या में लोग खरीदारी को उमड़े। यही नहीं, व्यापारियों ने भी कई लाभकारी योजनाओं से शहरवासियों को खूब लुभाया। लोगों का राशियों के अनुसार शुभ सामान की खरीदारी पर जोर रहा।
लोगों ने ज्वैलरी, बर्तन, टीवी, एलसीडी से लेकर कपड़ों की जमकर खरीदारी की। इसके अलावा व्यापारियों की ओर से धनतेरस के लिए रखी गई विभिन्न लाभकारी योजनाओं ने भी लोगों को खूब आकर्षित किया। ज्वैलर्स सुरेश वर्मा ने बताया कि इस साल का बाजार अन्य सालों से बेहतर नजर आ रहा है। बर्तन व्यापारी प्रमोद गर्ग ने बताया कि स्टील के साथ पीतल और तांबे के बर्तनों की भी खूब खरीदारी हुई। थाली, श्रीयंत्र, लोटा, दीये और घंटी भी खरीदी गईं।
इसके अलावा माइक्रोवेव ओवन, फर्नीचर, गीजर, इंडक्शन कुकर, इलेक्ट्रिक केटल आदि की भी खूब बिक्री हुई। टॉप गियर में ऑटोमोबाइल
धनतेरस पर ऑटोमोबाइल सेक्टर टॉप गियर में नजर आया। अनुमान के मुताबिक दुपहिया और चौपहिया समेत छह हजार से ज्यादा नए वाहन सड़कों पर उतरे। दोपहिया वाहन तो स्थानीय एजेंसियों से खरीदी गए। जबकि, चौपहिया वाहन लोग करनाल और पानीपत से लेकर आए। सोना-चांदी भी खूब बिका
सोने और चांदी की सिक्कों और आभूषणों की भी खूब खरीददारी हुई। सर्राफा व्यापारियों ने भी ग्राहकों को लुभाने के लिए कई प्रकार के ऑफर दिए। इसके अलावा हीरे की ज्वैलरी भी लोगों ने खरीदी है। काफी लोग ऐसे थे, जिन्होंने पसंदीदा डिजाइन की ज्वैलरी पहले ही बनने दे दी थी और धनतेरस पर ज्वैलरी घर लाए। दीपावली की खरीदारी भी जोरों पर
धनतेरस के मौके पर लोगों ने दीपावली के लिए भी जमकर खरीदारी की। महिलाओं व बच्चों ने घर की साज-सज्जा के सामान खरीदे। इसके अलावा लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के साथ पूजन सामग्री भी खरीदी गई। मिठाई के साथ कनफेक्शनरी की दुकानों पर गिफ्ट पैक की भी बंपर बिक्री हो रही है। सुबह के नौ बजे से रंगीन हुए बाजारों में देर रात तक लोग खरीददारी करते रहे।
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कुबेर और धनवंतरी की हुई पूजा
शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। कहते हैं कि भगवान धनवंतरी श्रीविष्णु के अंशावतार हैं। उनके प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। उनके हाथ में कलश था, इसलिए बर्तन खरीदने की परंपरा चल पड़ी। सुख-शांति और समृद्धि की कामना के लिए घरों और मंदिरों में भगवान धनवंतरी के साथ भगवान कुबेर की भी विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की गई।