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हो रहा मांगुर का कारोबार..जिम्मेदार मौन

संवाद सूत्र कांधला क्षेत्र के गांव सुन्ना में प्रतिबंधित मांगुर मछली का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। मछलियों के चारे के लिए मृत पशुओं और मीट फैक्ट्री से गला सड़ा मीट मशीन से काटकर खिलाया जाता है। मीट की दरुगध ने ग्रामीणों को जीना मुहाल कर दिया है। क्षेत्र के गांव सुन्ना में गांव के वहीद व उम्मेद ने दो अलग-अलग तालाबों में प्रतिबंधित थाई मंगुरा मछली का पालन कर रखा है। प्रतिबंधित मछली का कारोबार गांव में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। अधिकारी जानकार भी अनजान बने हुए है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत के बाद भी मत्सय विभाग इस और

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:11 PM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 10:11 PM (IST)
हो रहा मांगुर का कारोबार..जिम्मेदार मौन
हो रहा मांगुर का कारोबार..जिम्मेदार मौन

कांधला (शामली) : क्षेत्र के गांव सुन्ना में प्रतिबंधित मांगुर मछली का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। मछलियों के चारे के लिए मृत पशुओं और मीट फैक्ट्री से गला सड़ा मीट मशीन से काटकर खिलाया जाता है। मीट की दुर्गध से ग्रामीणों का जीना मुहाल है।

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क्षेत्र के गांव सुन्ना में गांव के वहीद व उम्मेद ने दो अलग-अलग तालाबों में प्रतिबंधित थाई मंगुरा मछली का पालन कर रखा है। गांव में इन मछलियों का कारोबार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत के बाद भी मत्सय विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। आरोप है थाई मंगूरा मछली के चारे के लिए दोनों मछली पालक मृत पशु और मीट फैक्ट्री से गला सड़ा मीट लाते हैं, जिसे ये मशीन से निकालकर मछलियों को खिलाते हैं। मामले में मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक व शामली प्रभारी आरके श्रीवास्तव का कहना है कि थाई मंगुरा मछली राष्ट्रीय प्रतिबंधित है। उक्त मछली का पालन करने वाले लोगों के खिलाफ सूची बनाकर कार्रवाई की जाएगी।


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