मामौर झील फिर टूटी, फसल जलमग्न
झील के एक बार फिर ओवरफ्लो होकर टूटने से किसान की करीब दस बीघा फसल जलमग्न हो गई।
शामली, जेएनएन। कैराना क्षेत्र में बर्बादी का सबब बनी मामौर झील से होने वाले ओवरफ्लो से किसानों को निजात नहीं मिल पा रही है। झील के एक बार फिर ओवरफ्लो होकर टूटने से किसान की करीब दस बीघा फसल जलमग्न हो गई। पीड़ित ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है।
क्षेत्र के ग्राम मामौर में झील स्थित है। झील में कैराना की निकासी का तमाम पानी जाता है, जिस कारण मामौर झील कई बार पूर्व में ओवरफ्लो होकर टूटने से किसानों की फसलें बर्बाद होती रही हैं। गुरूवार को एक बार फिर झील कैराना की निकासी के पानी का दबाव होने के कारण टूट गई। मेड़ टूटने के बाद किसान ओमपाल सिंह चौहान एडवोकेट की लगभग दस बीघा गन्ने की फसल जलमग्न हो गई है। किसान का कहना है कि फसल में गंदा पानी भरने के कारण वो नष्ट होने के कगार पर पहुंच चुकी है। पीड़ित किसान ने प्रशासन से नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिलवाए जाने की गुहार लगाई है। प्रोजेक्ट बना पर नहीं निकला हल
मामौर झील से किसानों को राहत देने के लिए नमामि गंगे के तहत प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। पिछले दिनों नमामि गंगे के ज्वाइंट सेक्रेट्री भी झील के निरीक्षण पर पहुंचे थे। उस समय पानीपत बाइपास के निकट स्थित तालाब पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने पर चर्चा की गई थी। यहां कमिश्नर से लेकर अन्य अधिकारी भी पहुंचते रहे हैं। आजतक झील की समस्या जस की तस बनी हुई है।