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नए साल में काबड़ौत पुल पर फर्राटा भरेंगे वाहन

शामलीजेएनएन मेरठ-करनाल हाइवे पर काबड़ौत में कृष्णा नदी पर फोरलेन पुल का निर्माण पूरा होने में अभी दो माह और लग जाएंगे। नए साल में नए पुल का तोहफा मिल सकता है और यह एक बड़ी समस्या का समाधान भी होगा। फिलहाल जो पुल है वह संकरा होने के साथ जर्जर भी हो चुका है। हर वक्त इस पुल पर जाम लगा ही रहता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 10:22 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:01 AM (IST)
नए साल में काबड़ौत पुल पर फर्राटा भरेंगे वाहन
नए साल में काबड़ौत पुल पर फर्राटा भरेंगे वाहन

शामलीजेएनएन: मेरठ-करनाल हाइवे पर काबड़ौत में कृष्णा नदी पर फोरलेन पुल का निर्माण पूरा होने में अभी दो माह और लग जाएंगे। नए साल में नए पुल का तोहफा मिल सकता है और यह एक बड़ी समस्या का समाधान भी होगा। फिलहाल जो पुल है, वह संकरा होने के साथ जर्जर भी हो चुका है। हर वक्त इस पुल पर जाम लगा ही रहता है।

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अप्रैल 2018 में काबड़ौत में फोरलेन पुल निर्माण के प्रस्ताव को नाबार्ड वित्त पोषित रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट फंड (आरआइडीएफ) के तहत स्वीकृति मिली थी। पुल निर्माण के लिए 13.97 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई थी। पुल की लंबाई 71.20 मीटर है। मई 2018 में निर्माण शुरू हुआ था और कार्यदायी संस्था सेतु निगम है। दरअसल, अभी काबड़ौत में कृष्णा नदी पर जो पुराना पुल है, वह जर्जर हो चुका है। साथ ही संकरा है और एक बार में एक तरफ के वाहन ही गुजर पाते हैं। मेरठ-करनाल हाइवे पर भारी वाहनों का भारी दबाव है और हल्के वाहनों की भी भरमार रहती है। ऐसे में अक्सर पुल पर जाम लगता है और लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रात के समय ओवरलोड वाहनों की संख्या बढ़ जाती है और जाम की समस्या विकराल होती है। पुल के दोनों ओर एक-एक किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। पुल का काम करीब 85 से 90 फीसद पूरा हो चुका है और अब पुल को सड़क से जोड़ने काम किया जा रहा है। पुल के छोर से लेकर सड़क तक के हिस्से को मिट्टी से भर दिया गया है। दिसंबर तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है और अगर काम सही रफ्तार से चलता रहा तो नए साल में नए पुल पर वाहन फर्राटा भरेंगे।

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हिलता है पुल, हादसे का खतरा

सितंबर 2018 में पुराने पुल के पास मिट्टी दरक गई थी। इससे पुल से भारी वाहन गुजरने पर कंपन होने लगा था। तत्कालीन सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर भारी वाहनों के गुजरने पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध भी किया था, क्योंकि हादसे का खतरा था। खैर, ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया। अब तो पुल की हालत और भी खस्ता हो गई है। पुल के दोनों किनारों पर गड्ढ़े हो चुके हैं, जिन्हें हाल ही में मिट्टी से भरा गया है।

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जाम विकराल होने पर ही पहुंचती है पुलिस

काबड़ौत पुल पर वैसे तो जाम की समस्या 24 घंटे ही बनी रहती है, लेकिन पुलिस तभी पहुंचती है, जब विकराल स्थिति बन जाती है।

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कई सालों तक नहीं मिली थी स्वीकृति

काबड़ौत में सिगल लेन पुल होने के बाद काफी हादसे हो रहे थे। वर्ष 2012 से लोक निर्माण विभाग नए पुल का प्रस्ताव शासन को भेज रहा था। करीब छह साल बाद स्वीकृति मिल सकी थी।

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इन्होंने कहा..

पुल का अधिकांश काम पूरा हो चुका है। अब सड़क से पुल को जोड़ने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मिट्टी डालकर भराई करा दी गई। तेजी के साथ काम हो रहा है ओर दिसंबर तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

-जेएस स्याना, परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम


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