किसान संगठनों और राजनीतिक दलों का कलक्ट्रेट में विरोध-प्रदर्शन
लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में किसानों ने कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। कुछ देर के लिए कलक्ट्रेट के मुख्य गेट को भी बंद रखा गया। सपा कांग्रेस व रालोद के पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी धरने में शामिल हुए। अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से विरत रहे।
शामली, जागरण टीम। लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में किसानों ने कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। कुछ देर के लिए कलक्ट्रेट के मुख्य गेट को भी बंद रखा गया। सपा, कांग्रेस व रालोद के पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी धरने में शामिल हुए। अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से विरत रहे। सभी संगठनों ने अलग-अलग राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।
संयुक्त किसान मोर्चे ने लखीमपुर की घटना के विरोध में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। सोमवार को सुबह 10 बजे से ही भारतीय किसान यूनियन, किसान यूनियन, राष्ट्रीय किसान मोर्चा, अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले किसान आने लगे थे। कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर पुलिस बल तैनात रहा, लेकिन किसी को भी रोका नहीं गया। गठवाला खाप के थांबेदार बहावड़ी श्याम सिंह, कालखंडे खाप के चौधरी संजय कालखंडे भी पहुंचे। वहीं, किसानों ने करीब 10 मिनट तक कलक्ट्रेट के गेट को बंद रखा, जिससे लोगों को थोड़ी परेशानी भी हुई।
वक्ताओं ने कहा कि लखीमपुर में किसानों की हत्या की गई है। हत्यारों को सख्त से सख्त सजा सरकार दिलाए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए और आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी हो। लखीमपुर में प्रशासन और किसान नेताओं के बीच विभिन्न बिदुओं पर सहमति बनने के बाद धरने को खत्म कर दिया गया। इस दौरान भाकियू मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, अनिल मलिक, गुड्डू बनत, बत्तीसा खाप से शोकेंद्र सिंह, रविद्र राणा, दीपक शर्मा, अजय खाटियान, देवराज पहलवान, युवा किसान नेता राजन जावला, चौधरी फुरकान, अजीत निर्वाल, राष्ट्रीय किसान मोर्चा से जिलाध्यक्ष अरविद कुमार, सतेंद्र कुमार, इंद्रजीत सैनी, प्रमोद कुमार व अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष भारत भूषण आदि मौजूद रहे।