शीतलहर ने कंपाए हाड़, बिल्कुल भी नहीं निकली धूप
ठंड का सितम कम नहीं हो रहा और सूर्यदेव के दर्शन भी नहीं हो रहे हैं। शीतलहर का प्रकोप भी बना हुआ है। मंगलवार को कोहरे से तो राहत रही लेकिन ठंड सुन्न कर देने वाली रही। लोग अलाव हीटर ब्लोअर आदि से राहत पाते रहे।
शामली, जेएनएन। ठंड का सितम कम नहीं हो रहा और सूर्यदेव के दर्शन भी नहीं हो रहे हैं। शीतलहर का प्रकोप भी बना हुआ है। मंगलवार को कोहरे से तो राहत रही, लेकिन ठंड सुन्न कर देने वाली रही। लोग अलाव, हीटर, ब्लोअर आदि से राहत पाते रहे।
शनिवार अलसुबह से लेकर रविवार शाम तक बारिश हुई थी। रविवार देर रात से ही कोहरा छा गया था और सोमवार सुबह करीब 10 बजे तक कोहरे ने परेशान किया था। धूप तो जनवरी माह में अब तक दो से तीन दिन ही निकली। वह हल्की और कुछ समय के लिए ही। मंगलवार को कोहरा नहीं था, लेकिन ठिठुरन काफी अधिक थी। गांवों से लेकर शहर-कस्बों में नुक्कड़, चौपाल आदि में लोग अलाव तापते दिखे। लेकिन अलाव से हटते ही हाथ-पांव सुन्न हुए जा रहे थे।
लोग घरों से निकले तो गर्म कपड़ों से पूरी तरह लकदक थे। लोग इंतजार करते रहे कि धूप निकले तो थोड़ी राहत मिले। लेकिन पूरा दिन सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। हल्की, पर बेहद ठंडी हवा सीधे हड्डी को छू रही थी। शाम को ठंड में और अधिक वृद्धि महसूस हुई। नगर पालिका शामली के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि अलाव नियमित रूप से फव्वारा चौक, टंकी रोड, अजंता चौक, गुरुद्वारा तिराहा, रेलवे स्टेशन, सुभाष चौक, विजय चौक, नगर पालिका कार्यालय परिसर समेत विभिन्न स्थानों पर जलवाए जा रहे हैं। आकस्मिक निरीक्षण भी किए गए तो कोई खामी नहीं मिली है। वहीं, कृषि वैज्ञानिक डा. विकास मलिक ने बताया कि धूप नहीं निकलने का सबसे अधिक नुकसान आलू की फसल को ही है। झुलसा रोग नमी अधिक होने पर बढ़ता है।
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गन्ने की आवक बढ़ी
दो दिन की बारिश में चीनी मिलों में गन्ने की आवक काफी कम हो गई थी। फसल में पानी भरने के कारण कटाई, छिलाई आदि का काम बाधित हुआ था। पहले से जो गन्ना कटा पड़ा था, उसे ट्राली-भुग्गी में भरने में भी दिक्कत थी। मंगलवार को गन्ने की आवक थोड़ी बढ़ी है।