अगले बरस तू जल्दी आ..गणपति बप्पा को दी विदाई
शामली में गणपति बप्पा को दी गई विदाई। शोभायात्रा में नाचते-गाते श्रद्धालु पहुंचे नदी पर।
जागरण संवाददाता, शामली : गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना और भक्ति में कब दस दिन गुजरे, पता नहीं चला। इन दस दिन तक बप्पा पंडालों और घरों में मेहमान बनकर पधारे। भक्तों ने उनकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। अनंत चतुर्दशी पर पंडालों और घरों से बप्पा को विदाई दी गई और अगले बरस जल्दी आने की कामना की। साथ ही बप्पा के कान में मन्नतें भी मांगी।
13 सितंबर को गणेश चतुर्थी थी और श्रद्धालु उल्लास के साथ गणपति बप्पा को घर लेकर आए थे। विधि-विधान के साथ उनकी मूर्ति को स्थापित किया गया था। काफी घरों और पंडालों से तीन, पांच और सात दिन बाद गणपति बप्पा को विदाई दी गई। लेकिन, रविवार यानी अनंत चतुर्दशी को सभी जगहों से बप्पा को विदाई दी गई। बप्पा की विसर्जन यात्रा गाजे-बाजे और ढ़ोल-डीजे के साथ निकली। श्रद्धालुओं ने खूब अबीर-गुलाल उड़ाया और भजनों पर जमकर थिरके। चहुंओर ओर 'गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया' जयकारे की गूंज थी। तमाम श्रद्धालु तो घर से नहर तक गणपति बप्पा को फूलों से सजी पालकी में विराजमान कराकर कंधे पर उठाकर लेकर गए। ¨झझाना रोड और कैराना रोड पर पूर्वी यमुना नहर में बप्पा को 'गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तो जल्दी आ' का जयकारा लगाते हुए विदा किया। इस दौरान श्रद्धालु भावुक भी हो गए। वहीं, अनंत चतुर्दशी को मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की गई। साथ ही काफी श्रद्धालुओं ने व्रत भी रखा।