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जीवन का लक्ष्य भोग नहीं, भगवान होना चाहिए

शामलीजेएनएन शिव भवानी मंदिर मोहल्ला बरखंडी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास रोहिणीशरण महाराज ने विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया। साथ ही महाशिवरात्रि का महत्व भी श्रद्धालुओं को बताया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:16 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:00 AM (IST)
जीवन का लक्ष्य भोग नहीं, भगवान होना चाहिए
जीवन का लक्ष्य भोग नहीं, भगवान होना चाहिए

शामली,जेएनएन: शिव भवानी मंदिर मोहल्ला बरखंडी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास रोहिणीशरण महाराज ने विभिन्न प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया। साथ ही महाशिवरात्रि का महत्व भी श्रद्धालुओं को बताया।

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शुक्रवार को कथा व्यास रोहिणीशरण महाराज ने कहा कि आज मनुष्य भौतिक सुख में ही जीवन को व्यर्थ गवां रहा है। जीवन का लक्ष्य भोग नहीं, भगवान होना चाहिए। हमने चितन करना भी छोड़ दिया। चितन करेंगे तो मस्तिष्क और मन के बंद हो चुके द्वार खुलेंगे। जीवन में चेतना जागृत होगी। इसके लिए श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण सबसे अच्छा माध्यम है। हमें अपने बच्चों को भी भागवत कथा का श्रवण कराना चाहिए, जिससे वह संस्कारवान बन सकें। श्रीमद् भागवत कथा हमें जीवन का सच बताती है। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की आराधना सभी कष्टों से मुक्त करती है। शिव प्रकृति प्रेमी हैं और इसीलिए उनकी पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्री प्राकृतिक ही होती हैं। हमें प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इस दौरान उत्तम नामदेव, संदीप नामदेव, नरेश कौशिक, राजेश्वर शर्मा, सौम्या कौशिक, वेदपाल, अरविद कुमार आदि मौजूद रहे।

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अंकुर त्यागी


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