हड़ताल पर रहे बैंक और एलआइसी कर्मी
जागरण संवाददाता, शामली : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बैंक और एलआइसी कर्मचारी
जागरण संवाददाता, शामली : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बैंक और एलआइसी कर्मचारी मंगलवार से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जिलेभर में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ और लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ी। बैंक कर्मचारियों ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और एलआइसी कर्मचारियों ने वर्मा मार्केट स्थित कार्यालय में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
यूपी बैंक एंप्लाइज यूनियन के जिला सचिव इंद्रपाल राठी ने केंद्र सरकार की नीतियां बेहद गलत बताया हैं। देशव्यापी इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज यूनियन और बैंक एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल संगठनों से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं। सरकार की श्रम नीति मजदूर विरोधी है। साथ ही सरकार बैंकों का विलय कर रही है, जो नामंजूर है। एनपीए वसूली के लिए कोई कड़ा कानून भी नहीं बनाया जा रहा है। बैंकों में काम का भार बढ़ता जा रहा है, लेकिन रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हो रही। स्थायी पदों पर आउटसोर्स भर्ती भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस दौरान संजय जैन, विनोद गुप्ता, निशांत तोमर, जीके खत्री, सुनील कुमार, ललित शर्मा, शैलेंद्र निर्वाल, जितेंद्र ¨सह चौहान, सुशील गुप्ता, शैलेंद्र यादव, वीरेंद्र कुमार, शक्ति शर्मा, विशाल राणा, अनुराग शर्मा आदि मौजूद रहे।
उधर, एलआइसी कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने कहा कि इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी को खत्म करने, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये निर्धारित करने, एलआइसी में पर्याप्त स्टाफ की भर्ती, किसानों का पूरा ऋण माफ करने समेत कई मांगें हैं। अगर सरकार ने नहीं सुनी तो बेमियादी हड़ताल के लिए विवश होना पड़ेगा। इस दौरान राजेश जैन, सुनील कुमार, शिवकुमार, सागर कुमार, राकेश कुमार, रामबहादुर राणा, गो¨वद कुमार, सहदेव शर्मा, राजेश कुमार आदि शामिल रहे। वहीं, ऑल इंडिया रीजनल रूरल बैंक एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले ग्रामीण बैंकों के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल रहे। चीनी मिल मजदूर संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे। बैंक खुले, पर काम नहीं हुआ
काफी बैंक रोजाना की तरह खुले, लेकिन काम नहीं हुआ। क्योंकि, अफसरों की एसोसिएशन हड़ताल में शामिल नहीं थी। लेकिन, बिना कर्मचारियों के कोई काम नहीं हुआ। बैंक खुला देख लोग आए भी, लेकिन बैरंग ही लौटना पड़ा। ऐसे भी कुछ बैंक थे, जिन पर ताला लटका था। क्योंकि, उक्त बैंकों के अधिकारी भी हड़ताल में शामिल संगठनों से जुड़े थे।
कैशलेस रहे एटीएम
हड़ताल के चलते सरकारी बैंकों के एटीएम कैशलेस रहे। सुबह के वक्त भी किसी एटीएम में पैसा नहीं था। बैंक शाखा से जुड़े एटीएम के तो शटर भी बंद थे। निजी बैंकों के जिन एटीएम में पैसा था, यहां लोगों की कतार लगी रही। इन एटीएम पर दबाव ज्यादा था तो नगदी भी जल्द खत्म हो गई। काफी देर तक लाइन में लगने के बाद भी लोगों को बैरंग लौटना पड़ा। क्योंकि, जब उनका नंबर आया नकदी खत्म हो चुकी थी।