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हास्य कवियों ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया

मानव अधिकार संगठन द्वारा दीपावली पर्व के मौके पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। विभिन्न कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों का खूब मनोरंजन किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 06:16 AM (IST)
हास्य कवियों ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया
हास्य कवियों ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया

शामली, जेएनएन। मानव अधिकार संगठन द्वारा दीपावली पर्व के मौके पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। विभिन्न कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों का खूब मनोरंजन किया। हास्य कवियों ने तो लोगों को लोटपोट कर दिया।

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मंगलवार को मानव अधिकार संगठन के तत्वावधान में दीपावली पर्व को लेकर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ अध्यक्ष डा. राजेन्द्र गोयल एवं रवि संगल ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के सम्मुख द्वीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान शहर के कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से दीपावली पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला।

कवि प्रीतम सिंह प्रीतम ने पढ़ा-

जब तक कोई भी मुखमंडल हैं आंसू से भरा हुआ,

तब तक दिवाली आयोजन का परयोजन पूरा न हुआ।

कवि अनिल पोपट ने कुछ इस तरह से बयां किया-

क्यों होती भ्रूण की हत्या, अजी कैसे लड़ाई है

लड़की लड़कों से गिनती में कम बताई है।

हास्य कवि सुनील अरोरा ने पढ़ा-

अरे पप्पू की मम्मी तेरा भाई कसाई,

हाय कर दी ठुकाई, ठा-ठा- के पटक दिया।

कवि सम्मेलन में कवियों ने दीपावली की शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर अजय चौधरी, विनोद गोयल, पुरूषोत्तम, रामकुमार वर्मा, डा. योगेश धीमान, आशीष गर्ग, राम मेहर गर्ग, दीपक कौशिक, शिखा चौधरी, वरूण संगल, जीवन ज्योति, राजकुमार जैन, रामअवतार, संगीता जिदल आदि मौजूद रहे।


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