न्याय की प्रहरी शामली की जज बिटिया
जासं, शामली : शामली के बेहद सामान्य परिवार में पली-बढ़ी ज्योति चौधरी ने गांव के प्राइमरी स्कू
जासं, शामली : शामली के बेहद सामान्य परिवार में पली-बढ़ी ज्योति चौधरी ने गांव के प्राइमरी स्कूल में शिक्षा हासिल करने से लेकर जज की कुर्सी तक का सफर तय किया। जिले की पहली महिला जज होने का गौरव हासिल करने वाली प्रतिभा की धनी इस बेटी ने कड़ी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के बूते बुलंदियों को छूआ है।
जनपद शामली के बाबरी क्षेत्र के गांव खानपुर के किसान कृष्णपाल की लाड़ली ज्योति बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा की धनी रहीं। ज्योति ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से विषम हालात में प्राप्त की। गांव में इंटर कालेज न होने से ज्योति ने कक्षा दसवीं की प्राइवेट परीक्षा दी। ज्योति ने कक्षा 10 में 77 प्रतिशत अंक हासिल कर कालेज टाप किया। बेटी को उच्च शिक्षा दिलाने की खातिर पिता कृष्णपाल ने मुजफ्फरनगर के लाल बाग कालोनी में मकान लिया। ज्योति ने कक्षा 12वीं में एसडी गर्ल्स मुजफ्फरनगर में भी 75 प्रतिशत अंक हासिल किए। बीए प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। ज्योति महिला उत्पीड़न, शोषण व गरीबों मजलूमों पर अत्याचार की घटनाओं को देखकर व सुनकर ज्योति दुखी होती थी। ज्योति ने नारी को सम्मान, गरीबों को न्याय दिलाने के लिए कानून का रास्ता चुना और डीएवी कालेज मुजफ्फरनगर में एलएलबी में दाखिला ले लिया। ज्योति ने एलएलबी में गोल्ड मेडल हासिल किया। मेरठ कालेज मेरठ से एलएलएम में भी प्रथम श्रेणी हासिल की। इलाहाबाद में पीसीएस जे की परीक्षा की तैयारी की। ज्योति ने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश की न्यायिक सेवा में पहली ही बार में सफलता हासिल की। ज्योति ने उप्र को चुना। वर्तमान में ज्योति सिद्धार्थनगर में एसीजेएम व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पद पर कार्यरत है। बेटियों को आगे बढ़ा रही जज
गांव की पृष्ठभूमि में जन्मी ज्योति मौजूदा हालात में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। गरीब बेटियों की शिक्षा में मदद के साथ ही ज्योति कानून की पढ़ाई व सिविल परीक्षाओं की तैयारी कर रही बेटियों को सफलता के टिप्स भी देती है। पढ़ने-लिखने का रखती है शौक
ज्योति महिला उत्थान, नारी सशक्तिकरण और नारी शिक्षा को बढ़ावा देने का पुरजोर समर्थन करती हैं। वह न्यायिक कार्यो से इतर अध्ययन व लेखन के लिए भी समय निकाल लेती हैं।