बिना लखनऊ मुख्यालय की अनुमति बना दिया था जलालाबाद डिपो
जलालाबाद बस स्टेशन को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम लखनऊ मुख्यालय की अनुमति के बिना ही स्थानीय अधिकारियों ने डिपो का दर्जा दे दिया था। 4 दिसंबर 2020 को जलालाबाद में रोडवेज बस के ब्रेक फेल होने बाद बनाई गई विभागीय जांच कमेटी में इसका खुलासा हुआ।
शामली जेएनएन। जलालाबाद बस स्टेशन को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम लखनऊ मुख्यालय की अनुमति के बिना ही स्थानीय अधिकारियों ने डिपो का दर्जा दे दिया था। 4 दिसंबर 2020 को जलालाबाद में रोडवेज बस के ब्रेक फेल होने बाद बनाई गई विभागीय जांच कमेटी में इसका खुलासा हुआ।
परिवहन निगम के क्षेत्रीय अधिकारियों ने अपने स्तर से ही जलालाबाद को डिपो का दर्जा दे दिया था। सहारनपुर डिपो की खटारा बसों को भेजकर जलालाबाद भेजा गया था। जलालाबाद से हर तीसरे दिन लखनऊ के लिए बस सेवा भी शुरू कर दी गई। शामली डिपो के पास कार्यशाला न होने से केवल अनुबंधित बसें चलती हैं, लेकिन शामली डिपो निगम मुख्यालय लखनऊ की सूची में है। उधर, जलालाबाद को डिपो का कथित रूप से दर्जा देकर परिवहन निगम की बसें भी मुहैया करा दी गईं, लेकिन लखनऊ मुख्यालय में इसे डिपो का दर्जा नहीं था। अधिकारी जलालाबाद को सहारनपुर का सब डिपो संबद्ध बताते रहे।
तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक ने किया था शुरू जलालाबाद डिपो को तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर बिना उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की अनुमति के चला रहे थे। 4 दिसंबर 2020 को जलालाबाद में रोडवेज बस ब्रेक फेल होने से अड्डे पर खड़ी सवारियों पर चढ़ गई थी। इसमें तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य यात्रियों का अभी भी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। क्षेत्रीय अधिकारियों ने बिना विभागीय अनुमति और नियमों की अनदेखी कर जलालाबाद को डिपो का दर्जा दे दिया था। 23 अगस्त 2019 को मंत्री सुरेश राणा ने जलालाबाद डिपो का उद्घाटन किया था। कथित जलालाबाद डिपो का चार्ज शामली एआरएम के पास ही था।
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इनका कहना है..
जलालाबाद से संबंद्ध सभी बसों को पुन: सहारनपुर डिपो से संबद्ध कर दिया गया है। जलालाबाद से चलने वाली बसों के रूट में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। जलालाबाद डिपो के लखनऊ में सूचीबद्ध न होने की जानकारी नहीं है।
नीरज सक्सेना, क्षेत्रीय प्रबंधक सहारनपुर, यूपीएसआरटीसी
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जलालाबाद डिपो लखनऊ मुख्यालय में सूचीबद्ध नहीं था। इसे सहारनपुर के सब डिपो के तहत चलाया जा रहा था। विभागीय जांच की उन्हें जानकारी नहीं है।
मनोज वाजपेयी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शामली, यूपीएसआरटीसी