जैन समाज ने की उत्तम तप कर्म की पूजा-अर्चना
गुरुवार को श्रीदिगंबर जैन साधु सेवा समिति द्वारा आयोजित पर्युषण पर्व का सातवां दिन।
शामली : श्रीदिगंबर जैन साधु सेवा समिति द्वारा आयोजित पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप कर्म की पूजा-अर्चना कराई गई। 64 वें ऋद्धि विधान में इंद्र इद्राणियों ने पूजा-अर्चना की।
गुरुवार को श्रीदिगंबर जैन साधु सेवा समिति द्वारा शहर के जैन धर्मशाला में आयोजित पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप कर्म की पूजा-अर्चना कराई गई। जिसमें परम पूज्य ऐलक 105 विज्ञान सागरजी महाराज के सान्निध्य में 64 वें ऋद्धि विधान में इंद्र-इद्राणियोंने पूजा-अर्चना की। सौधर्म इंद्र सुनील जैन व ऊषा जैन रहे। शांतिधारा वीरेश जैन व राहुल जैन ने की। विधान आचार्य राजेश जैन ने विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कराई। इस अवसर पर महाराज ने उत्तम तप धर्म के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सुबह उठते ही झाड़ू नही लगानी चाहिए। इससे धर्म का पतन होता है। जो साधु का पीछा करते हैं उन्हे पिच्छी मिलती है। जो भगवान का भक्त होता है वही हमारी पिच्छी लेने के लिए समर्थ है। इच्छाओं का विरोध करना तप है। इस अवसर पर अध्यक्ष जेके जैन, अनिल जैन, प्रवीन जैन, सलेकचंद जैन, अमित जैन, कनिष्क जैन, अरविंद जैन, राजेश जैन, सुशील जैन, अखिलेश जैन व सुदेश जैन आदि मौजूद रहे।