चौहरा हत्याकांड: आखिर 120 रुपये के पेट्रोल में कैसे जली पूरी गाड़ी और शव
चौहरे हत्याकांड में अजय पाठक की गाड़ी और शव को जलाने के लिए मात्र 120 रुपये का पेट्रोल प्रयोग में लाया गया। यह बात किसी के भी गले से नीचे नहीं उतर पा रही है।
शामली, जेएनएन। चौहरे हत्याकांड में अजय पाठक की गाड़ी और शव को जलाने के लिए मात्र 120 रुपये का पेट्रोल प्रयोग में लाया गया। यह बात किसी के भी गले से नीचे नहीं उतर पा रही है। गाड़ी की डिग्गी में भागवत पाठक का शव भी रखा गया था। आग लगने के बाद गाड़ी तो पूरी तरह जली और साथ ही भागवत का शव भी एक या दो फीसद ही बचा था। ऐसे में इतने कम पेट्रोल से इतनी बड़ी आग कैसे लग सकती है। यह बड़ा सवाल है। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का मानना है कि आग लगाने में कई लीटर पेट्रोल काम में लाया गया है।
पिछले एक सप्ताह से पंजाबी कालोनी निवासी भजन गायक अजय पाठक व उनके परिवार के तीन सदस्यों की सामूहिक हत्या का मामला हर किसी की जुबान पर है। सभी का मानना है कि इस हत्याकांड को एक व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता। इसके अलावा भी लोगों द्वारा कई सवाल उठाते हुए कयास लगाए जा रहे हैं, जबकि जनपद खाकी के धुरंधरों ने इस मामले में अजय पाठक के शिष्य हिमांशु को गिरफ्तार कर पूरे मामले का राजफाश करने का दावा किया है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर लाखों का माल ही नहीं, बल्कि हत्याकांड को अंजाम देने में प्रयोग किए हथियार भी बरामद किए हैं। पुलिस ने तो यह भी दावा किया है कि पानीपत में टोल प्लाजा के पास आरोपित ने जो गाड़ी में आग लगाई है, उसके लिए मात्र एक सौ बीस रुपये का पेट्रोल खरीदा गया था। जो इतनी बड़ी आग के लिए नाकाफी था। जबकि गाड़ी की डिग्गी में भागवत पाठक का शव भी छिपाकर रखा गया था। आरोपित द्वारा लगाई आग में यह शव एक या दो फीसद ही शेष बचा था, अन्यथा शव पूरी तरह से जल चुका था। आग की भयंकरता के मद्देनजर यह बात अपने आप में बड़ी ही अजीब लगती है कि एक सौ बीस रुपये के पेट्रोल ने इतनी बड़ी आग लगा दी गई कि उसमें गाड़ी व शव पूरी तरह जल गए। सूत्रों का तो भी कहना है कि गाड़ी में आग कितनी विकराल तरह से लगी थी, यह इससे पता चलता है कि गाड़ी की कलर, चेसिस व इंजन नंबर पता लगाने के लिए पुलिस टीम को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसी के चलते लोगों का मानना है कि आग लगाने को एक नहीं कई लीटर पेट्रोल खरीदा गया और इसके बाद आग लगाई गई।
इन्होंने कहा-
पुलिस की जांच अभी चल रही है। विवेचना से संबंधित जानकारी सुरक्षा के मद्देनजर नहीं जा दी सकती है। जो सबूत अभी तक जुटाए गए हैं, वे पुख्ता है।
-कर्मवीर सिंह, विवेचक व प्रभारी, थाना आदर्श मंडी।