अध्यात्म का रत्नाकर है सिद्धचक्र महामंडल विधान
जलालाबाद अतिशय क्षेत्र में आयोजित श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान को विधानाचार्य मुनि के सानिध्य में
जलालाबाद : अतिशय क्षेत्र में आयोजित श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान को विधानाचार्य मुनि के सानिध्य में विधिपूर्वक करा रहे हैं। श्री जी के अभिषेक से लेकर रात्रि में सामूहिक आरती कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का अपार समूह उमड़ रहा है।
अतिशय क्षेत्र में श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के सांतवें दिन सुबह में प्राचीन जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान पार्श्वनाथ की पूजा-अर्चना की। मंडप में श्रीजी की लघु प्रतिमा को श्रद्धालु नाचते गाते श्रद्धालु भगवान पार्श्वनाथ चितामणि के जयकारे लगाते सिद्ध विधान स्थल पहुंचे। यहां पर विधानाचार्य पं. संदीप जैन सजल ने विधान पूर्वक अभिषेक व शांतिधारा विधान संपन्न कराया। मुनि सौरभ सागर जी महाराज का सिद्ध विधान स्थल पंडित शद्धालुओं ने जयकार करते भव्य स्वागत किया। मुनि ने श्रद्धालुओं को समझाया कि संपूर्ण विधान भक्ति के साथ अध्यात्म का ऐसा रत्नाकर है, जिसमें भव्य आत्मागण डूबकियां लगाकर सातिशय पुण्यार्जन कर सुधालय रूप निजात्मा का परिचय सिद्धों के स्वरूप कर लेते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में विशाल जैन, तरूण जैन, आन्नद जैन, अल्का जैन, राजकुमार जैन, संतोष जैन, सुभाष जैन, सिद्धार्थ जैन, तुषार जैन, विवेक जैन, वीरेश जैन, सुशील जैन, ऋषभ जैन, राजेश सैनी रहे।