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खसरा-रूबेला से मुक्ति को 26 से अभियान

शामली: मिजिल्स रूबेला मिशन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी शुरू हो गई हैं। गुरुवार को सीए

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 05:25 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 05:25 PM (IST)
खसरा-रूबेला से मुक्ति को 26 से अभियान
खसरा-रूबेला से मुक्ति को 26 से अभियान

शामली: मिजिल्स रूबेला मिशन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी शुरू हो गई हैं। गुरुवार को सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक ने सभासदों और एएनएम एवं आशाओं के साथ बैठक की। 26 नवंबर से विशेष मिशन शुरू होगा। पहले सभी स्कूलों में बच्चों को टीके लगाए जाएंगे और फिर वार्डवार अभियान शुरू होगा। चिकित्सा अधीक्षक ने बैठक में रूबेला के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी।

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चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद्रा ने कहा कि पोलियो की तरह खसरा-रूबेला को भी देश से खत्म करना है। खसरा विषाणु जनित संक्रामक बीमारी है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 50 हजार बच्चों की प्रतिवर्ष खसरा से आकस्मिक मौत हो जाती है, जो भारत में शिशु मृत्यु दर बढ़ने का प्रमुख कारण माना जाता है। जबकि, रूबेला एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो बच्चों व वयस्क दोनों को हो सकता है। गर्भवती महिला के रूबेला से ग्रसित होने के कारण गर्भपात, प्रसव मृत्यु, बच्चे में जन्मजात बहरापन, अंधापन के साथ ही गंभीर शारीरिक अक्षमता हो सकती है। अनुमान के अनुसार देश में 40 से 50 हजार लोग जन्मजात रूबेला से प्रभावित होते हैं। मिजिल्स रूबेला मिशन चार हफ्ते तक चलेगा। पहले दो हफ्ते में स्कूलों में जाकर नौ माह से 15 साल के बच्चे को टीका लगाया जाएगा। एक हफ्ते वार्डवार घर-घर जाकर और अंतिम सप्ताह में छूटे बच्चों को टीका लगाएंगे। एक बच्चे को टीकाकरण होने के बाद सीरींज की निडिल यानी सुईं लॉक हो जाएगी। बैठक में सभासद अनिल उपाध्याय, राजीव गोयल, निशी, पर¨मदर निर्वाल, गुलजार मंसूरी, रीना निर्वाल, विनोद तोमर आदि मौजूद रहे।


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