पी-3 से 5, सतर्कता बनी स्वास्थ्य के लिए संजीवनी
मेरठ के थाना सरूरपुर के प्रभारी अरविंद कुमार की हार्ट अटैक से शनिवार देर शाम मृत्यु हो गई थी। उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बंतीखेड़ा लाया गया। जहां गमगीन माहौल में सैकड़ों ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
शामली जेएनएन।मेरठ के थाना सरूरपुर के प्रभारी अरविंद कुमार की हार्ट अटैक से शनिवार देर शाम मृत्यु हो गई थी। उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बंतीखेड़ा लाया गया। जहां गमगीन माहौल में सैकड़ों ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
चेस्ट फिजिशियन डा. पंकज गर्ग ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतते हुए हमें एक साल का समय होने वाला है। अब भी काफी लोग एहतियात बरत रहे हैं। मास्क लगाने से टीबी रोगी, प्रदूषण और वातावरण में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस से बचाव होता है। सांस रोगियों की परेशानी काफी कम होती है। पिछले सालों के मुकाबले कोरोनाकाल में सांस रोगियों की संख्या 40 फीसद से अधिक कम रही। वायरल संक्रमण के मरीज भी काफी कम हुए हैं। एन-95 मास्क स्वास्थ्यकर्मियों के लिए होता है। साधारण त्रिस्तीय मास्क आम आदमी के लिए बेहतर है। लगातार कई घंटों तक मास्क लगाने से आक्सीजन की थोड़ी कमी हो जाती है। इसलिए दो से तीन घंटे में मास्क हटा लें, लेकिन तब, जब आसपास कोई न हो। मास्क लगाने का एक फायदा यह भी है कि हीमोग्लोबिन बनाने वाले हार्मोस क्रिय होते हैं। चिकित्सक डा. रीतिनाथ ने बताया कि मास्क लगाने से कोरोना से बचाव तो होता ही है, लेकिन जो भी हवा और ड्रापलेट्स के माध्यम से फैलने वाली बीमारी होती हैं, उन सभी से भी बचाव होता है। 2.5 माइक्रोन से कम साइज के प्रदूषण के कण भी हमारे भीतर नहीं आ पाते हैं। प्रदूषण में कार्बन, लेड जैसे हानिकाकरण तत्व भी होते हैं।
वैक्सीन के बाद भी बरतें सावधानी भी
चिकित्सक डा. अजय सैनी ने बताया कि भले ही वैक्सीन आ चुकी है, लेकिन वैक्सीन लगने के बाद भी सावधानी का ध्यान रखना है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में यह बात कही है। वैसे भी कोई वैक्सीन लगती है तो शरीर में बीमारी से लड़ने की क्षमता विकसित होने में वक्त लगता है। वर्तमान में कोरोना के केस कम हुए हैं, लेकिन खतरा टला नहीं है। इसलिए मास्क लगाएं, शारीरिक दूरी का ध्यान रखें और हाथों की सफाई करते रहें।