कूड़े के पहाड़ को कम करने की कसरत
शहर में कूड़ा निस्तारण की प्रभावी व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है और डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। ऐसे में यह किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
शामली, जेएनएन। शहर में कूड़ा निस्तारण की प्रभावी व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है और डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का पहाड़ बनता जा रहा है। ऐसे में यह किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अभी तक किए गए प्रयास सफल नहीं हुए। अब नगर पालिका प्रशासन ने गाजियाबाद जिले के निवाड़ी कस्बे में काम कर रही एक एजेंसी से संपर्क किया है। मकसद यह है कि डंपिग ग्राउंड में जमा कई सौ कुंतल कूड़े का निस्तारण हो। फरवरी के पहले सप्ताह में इस एजेंसी की टीम शामली आ सकती है।
नगर पालिका परिषद शामली क्षेत्र में प्रतिदिन करीबन 400 कुंतल कूड़ा निकलता है। भैंसवाल रोड स्थित कूड़ा प्लांट में इसे डाला जाता है। निस्तारण के नाम पर प्लांट में एक मशीन है, जो ईट-पत्थर, पॉलीथिन और बारीक कूड़े को अलग करती है। प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े के सापेक्ष एक तिहाई कूड़ा इस तरह से अलग-अलग होता है। ये काम भी कुछ माह पहले ही शुरू हुआ है। ऐसे में प्लांट में कूड़े का पहाड़ जैसा बन रहा है। नगर पालिका परिषद शामली ने कुछ दिन पहले ही सहारनपुर में कूड़े से कंपोस्ट तैयार करने वाली एजेंसी से संपर्क साधा और एजेंसी के अधिकारियों को शामली आने का न्योता भी दिया था। एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। वहीं, नगर में सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिग प्लांट के लिए शासन स्तर से भी कवायद हो रही है। पहली किश्त के रूप में तीन करोड़ रुपये जारी हुए और डीपीआर शासन स्तर पर बन रही है। वहीं, मुजफ्फरनगर में प्रस्तावित वेस्ट एनर्जी प्लांट (कूड़े से बिजली बनाने का प्लांट) के लिए शामली शहर का भी कूड़ा लेने की योजना है। उत्तर प्रदेश सरकार का नीदरलैंड सरकार के साथ करार हुआ है। कूड़े का सर्वे करने के लिए नीदरलैंड सरकार की कंसल्टेंसी एजेंसी की टीम भी दिल्ली से आई थी। अभी ये स्प्ष्ट नहीं हो सका है कि शामली से कूड़ा लिया जाएगा या नहीं। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि कूड़ा प्लांट में भारी मात्रा में कूड़ा एकत्र हो गया है। प्लांट में एक मशीन है और वह काफी कम कूड़े से ईट-पत्थर, पॉलीथिन और बारीक कूड़ा अलग करती है। प्लांट के कूड़ा का निस्तारण करने के लिए निवाड़ी नगर पंचायत में काम कर रही एक एजेंसी से संपर्क साधा गया है। एजेंसी के अधिकारी जल्द शामली आएंगे भी। इसके बाद ही बात आगे बढ़ेगी। निवाड़ी यह एजेंसी डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह का काम भी करती है और निस्तारण का भी। शामली में डोर-टू-डोर का काम फिलहाल अरवा एसोसिएट के पास है।