फ्रेंडशिप डे: दोस्ती के रिश्ते में घोली प्यार की मिठास
दोस्ती के पर्व फ्रेंडशिप डे को लेकर युवाओं में खासा क्रेज रहा। जो दोस्त पास थे उन्हें दोस्ती और मजबूत करने के लिए बैंड बांधा और जो दूर थे उन्हें ऑनलाइन बैंड भेजा।
शामली, जेएनएन। दोस्ती का रिश्ता एक ऐसा फूल है, जो न कभी मुरझाता है और न ही इसकी कभी महक जाती है। जरूरत होती है तो सिर्फ प्यार और विश्वासरूपी जल से इस रिश्ते को सींचने की। इसलिए ही दोस्ती को सबसे खूबसूरत रिश्ता कहा जाता। तभी तो दोस्ती के पर्व फ्रेंडशिप डे को लेकर युवाओं में खासा क्रेज रहा। जो दोस्त पास थे, उन्हें दोस्ती और मजबूत करने के लिए बैंड बांधा और जो दूर थे उन्हें ऑनलाइन बैंड भेजा। साथ ही सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप छाया रहा।
हर साल अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। पहले दोस्ती का यह त्योहार महानगरों में ही सेलीब्रेट होता था, लेकिन अब गांव-गांव तक इस त्योहार को अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है। दोस्ती का रिश्ता तो प्राचीन काल से रहा है। चाहे भगवान कृष्ण-सुदामा की दोस्ती हो या दुर्योधन-कर्ण की। बस तेजी से बदलती दुनिया और भागदौड़ भरी जिदगी में एक दिन दोस्ती के नाम कर दिया गया। अब बाजार भी इसे भुनाने की कोई कसर नहीं छोड़ता है। खैर, युवाओं ने अपने दोस्तों को सोशल मीडिया फेसबुक-वाट्सअप पर शुभकामनाएं दी। साथ ही जिगरी दोस्त यानी बेस्ट फ्रेंड को उपहार भी दिए। इसके अलावा पुरानी फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर यादें भी ताजी कीं। वाट्सअप के स्टेटस पर दोस्ती का पर्व ही छाया रहा। वहीं, एक-दूसरे की कलाई पर बैंड बांधकर दोस्ती के रिश्ते को और मजबूत किया। साथ ही छोटी-छोटी पार्टियों का दौर भी खूब चला। जो अपने बेस्ट फ्रेंड से दूर थे, उन्होंने ऑनलाइन उपहार भेजे। युवा अभिषेक गर्ग ने बताया कि वैसे तो किसी भी रिश्ते के लिए कोई दिन मायने नहीं रखता, लेकिन भागदौड़ भरी जिदगी में अजीजों के लिए भी वक्त नहीं निकल पाता। ये एक ऐसा दिन है, जब हम अपने दोस्तों को याद करते हैं, उनके साथ सेलीब्रेशन करते हैं। बीकॉम की छात्रा मीनू संगल का कहना है कि यह दिन पूरी तरह दोस्तों के नाम होता है। बेस्ट फ्रेंड को रात 12 बजे ही विश कर दिया था और एक प्यार भरा उपहार भी भेजा है। साथ ही स्कूल टाइम के दोस्तों को भी विश किया। सोशल मीडिया पर सभी मिल जाते हैं।